कर्ज में दबे किसान की हार्टअटैक से मौत

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    कर्ज चुकाने के लिए बैंक की कॉल के बाद एक किसान की हार्ट अटैक से मौत हो गई है। परिजनों का आरोप है कि भारतीय स्टेट बैंक के एक कर्मचारी के फोन के बाद उन्हें अटैक पड़ा। किसान पर तीन अलग-अलग बैंकों का लगभग 13 लाख रुपये बकाया है और उन पर कर्ज चुकाने के लिए बैंक दबाव बना रहा था। इसी के साथ बीते तीन माह में प्रदेश में अब तक कर्ज के बोझ से दबे मरने वाले किसानों का आंकड़ा सात पहुंच गया है।

    चंदेली नागवांठग्गू निवासी राधाकृष्ण (65) के परिवार की आजीविका पांच एकड़ जमीन से चलती है। राधाकृष्ण के पोते रवींद्र कुमार ने बताया कि गुरुवार को दोपहर लगभग पौने तीन बजे एसबीआई खटीमा शाखा से उसके दादा के मोबाइल पर कॉल आई। उन्होंने आरोप लगाया कि बैंक कर्मी ने ऋण जमा करने के लिए दबाव बनाया। साथ ही जल्द अदायगी न करने पर कुर्की की चेतावनी दी। इससे वह सदमे में आ गए। इसके बाद वह परिजनों के साथ दवा लेने अस्पताल आए जहां उन्हें अटैक पड़ गया। निजी अस्पताल के डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

    सूचना पर कोतवाल केसी भट्ट एवं राजस्व उप निरीक्षक मोइद्दीन ने बैंकों के ऋण की जानकारी ली। किसान राधाकृष्ण पर ऊधम सिंह नगर डिस्ट्रिक कोऑपरेटिव बैंक, झनकट ने सात लाख पांच हजार 447 रुपये जबकि खटीमा कोऑपरेटिव बैंक ने 6623 रुपये की आरसी काट रखी है। राजस्व विभाग के वसूली बाबू नवीन जोशी ने बताया कि ये आरसी एक साल पूर्व काटी गई है। किसान ने फसल की रकम मिलने के बाद ऋण जमा करने की बात कही थी। राधाकृष्ण के पोते रवींद्र ने बताया कि एसबीआई शाखा खटीमा से पांच लाख रुपये का लोन है।