गैरसैंण स्थायी राजधानी की मांग को लेकर अलकनंदा के तट पर उपवास शुरू

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गोपेश्वर। गैरसैंण को उत्तराखंड की स्थायी राजधानी बनाने की मांग को लेकर क्षेत्र के लोगों ने अलकनंदा और पिंडर नदी के संगम स्थल कर्णप्रयाग में अलकनंदा के तट पर उपवास शुरू कर दिया है। यह उपवास 24 घंटे तक रहेगा और उसके बाद गैरसैंण कूच किया जाएगा।
सोमवार को कर्णप्रयाग के युवाओं, महिलाओं और जनप्रतिनिधियों ने गैरसैंण को स्थायी राजधानी घोषित किये जाने की मांग को लेकर पिंडर और अलकनंदा नदी के संगम पर उपवास शुरू कर दिया है। आंदोलनकारियों का कहना है कि सरकार 20 मार्च से गैरसैंण भराड़ीसैंण में होने वाले बजट सत्र के दौरान ही गैरसैंण को स्थायी राजधानी घोषित करे अन्यथा आंदोलन जारी रहेगा। साथ ही बताया कि अभी 24 घंटे का उपवास रखा गया है। उसके बाद आंदोलनकारी गैरसैंण के लिए कूच करेंगे। बजट सत्र के दौरान अपनी बात सरकार के सामने रखी जाएगी। उपवास पर बैठने वालों में संजय रावत, रेणुका नेगी, पूर्व प्रमुख राजेंद्र सगोई, पूर्व जिपंस विरेंद्र मिंगवाल, विक्रम नेगी, दिनेश रावत आदि शामिल हैं।