पिरान कलियर का लंगर मिटा रहा 1200 लोगों की भूख

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सूफी संतों की नगरी पिरान कलियर में लॉक डाउन के बीच साबिर साहब की दरगाह पर अटूट लंगर जारी है। दरगाह पर इंसान भूखा उठ तो रहा है, लेकिन भूखा नहीं सो रहा है। दरगाह पर बाहर से आए जो जायरीन फंसे हुए हैं, वो अपना पेट लॉक डाउन के समय में लंगर से भर रहे हैं। आसपास के क्षेत्र के जिन लोगों की आर्थिक स्थिति खराब है, वो लोग भी दरगाह में लगे लंगर में खाना खा रहे हैं।
किंवदंती है कि साबिर साहब ने 12 साल तक भूखे रहकर सिवाय गूलर के कुछ नहीं खाया था। अपनी इबादत में मशगूल रहे और अल्लाह को राजी करते रहे। साबिर साहब के कई किस्से भी भूख को लेकर मशहूर हैं। इसकी एक मिसाल लॉक डाउन में देखने को मिल रही है। दरगाह पर आए हुए जायरीन को किसी भी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ रहा है। उन्हें लंगर में खाना खिलाया जा रहा है। रुड़की ज्वाइंट मजिस्ट्रेट नमामि बंसल ने बताया कि दरगाह पर 1200 लोगों का लंगर अभी भी दरगाह प्रशासन की ओर से बनाया जा रहा है। साथ ही इसे और ज्यादा बढ़ाया भी जा सकता है। बाहर फंसे हुए जायरीनों के लिए प्रशासन ने पूरी व्यवस्था की है। दरगाह पर दोनों समय लंगर बांटा जा रहा है। सभी लोग लंगर से अपना पेट भर रहे हैं। दरगाह प्रशासन के सुपरवाइजर और लंगर इंचार्ज सिकंदर अली ने बताया कि साबिर साहब के लंगर से आमजन तो पेट भर ही रहे हैं आसपास के क्षेत्रवासी भी लंगर लेकर जा रहे हैं और अपना पेट भर रहे हैं। साबिर साहब के दरबार का बनाया हुआ लंगर डोर टू डोर डिलीवर भी किया जा रहा है, जिससे कोई भूखा नहीं रह सके।