मुंबई, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बनी फिल्म की रिलीज पर बुद्धवार को चुनाव आयोग ने उस वक्त रोक लगाने का आदेश दिया, जबकि अगले दिन, गुरुवार को इसे रिलीज होना था और देश की सर्वोच्च अदालत से फिल्म की रिलीज को हरी झंडी मिली थी।
अब खबर आई है कि चुनाव आयोग द्वारा इस फिल्म की रिलीज पर लगी रोक को फिल्म के निर्माताओं की ओर से सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। मिली जानकारी के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को सुनवाई के लिए मंजूर कर लिया है और इसकी सुनवाई 15 अप्रैल को होगी। चुनाव आयोग ने संसदीय चुनावों के संपन्न होने तक इस फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगा दी है।
फिल्म के निर्माताओं के वकील हितेश जैन का तर्क है कि चुनाव आयोग द्वारा लगाई गई रोक संविधान की धारा 32 के तहत अभिव्यक्ति की आजादी का हनन है। हितेश जैन का कहना है कि सेंसर बोर्ड द्वारा पास की गई फिल्म को प्रदर्शन से सभी रोका जा सकता है, जबकि राज्य सरकारों द्वारा इस बात के पुख्ता प्रमाण हों कि ऐसा करने से राज्य के किसी हिस्से में कानून व्यवस्था को नुकसान हो सकता है। उनका कहना है कि हमारी फिल्म से किसी को किसी भी तरह का खतरा नहीं था और न ही ये फिल्म किसी की भावनाओं को आहत कर रही थी।
इस फिल्म पर रोक लगाने की याचिका सुप्रीम कोर्ट में भी दर्ज की गई थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे आधारहीन कहकर खारिज कर दिया था और फिल्म की रिलीज के लिए इसका रास्ता साफ कर दिया, तो रिलीज से एक दिन पहले चुनाव आयोग ने इसकी रिलीज पर रोक लगा दी। चुनाव आयोग ने इस फिल्म सहित किसी भी बायोपिक फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगा दी।