वित्तीय साइबर धाेखाधड़ी शिकायतों के लिए अब नंबर बदल गया है। पहले हेल्पलाइन नंबर 155260 पर शिकायत की जा रही थी, अब 1930 नंबर पर रखा गया है। पूरे भारत में उत्तराखण्ड इस हेल्पलाइन नंबर से जुड़ने वाला तीसरा राज्य है।
प्रभारी स्पेशल टॉस्क फोर्स उत्तराखंड की ओर से बताया गया है कि प्रदेश में जनता को साइबर हेल्पलाइन की मदद से वित्तीय धोखाधड़ी की सूचना देने,धोखाधड़ी से हुए आर्थिक नुकसान को बचाने में बहुत सहायता मिली है। अब गृहमंत्रालय ने 155260 नंबर को संशोधित करते हुए एक नवीन नंबर 1930 संचालित किया है। जिस पर आम-जनमानस वित्तीय साइबर अपराधों की शिकायत कर सकेंगे।
उन्होंने जनता से अपील की गई है कि सभी लोग बढ़ चढ़कर इस नवीन हेल्पलाइन नंबर 1930 का प्रचार-प्रसार करें। जिससे समाज के हर वर्ग के व्यक्तियों को साइबर अपराध से लड़ने के लिए जागरुकता प्राप्त हो सके। इसके साथ ही अतिशीघ्र वित्तीय साइबर अपराधों की रिपोर्टिंग हो सके।
प्रभारी एसटीएफ उत्तराखण्ड की ओर से जनता से अपील की है कि वे ऑनलाइन सामान की खरीदारी करते हुए अधिकृत वेबसाइट से ही सामान खरीदें। किसी भी प्रकार के लोभ लुभावने अवसरों, फर्जी साइट,धनराशि दोगुना करने वाले अनजान अवसरों के प्रलोभन में न आएं। किसी भी ऑनलाइन ट्रेडिंग साइट व लॉटरी एवं इनाम जीतने के लालच में आकर धनराशि देने और अपनी व्यक्तिगत जानकारी व महत्वपूर्ण डाटा शेयर करने से बचना चाहिए।
किसी भी प्रकार का ऑनलाइन ट्रेडिंग लेने से पूर्व उक्त साइट की पूर्ण जानकारी व स्थानीय बैंक, सम्बन्धित कम्पनी आदि से भली भांति इसकी जांच पड़ताल अवश्य करा लें। कोई भी शक होने पर तत्काल निकटतम पुलिस स्टेशन या साइबर हेल्पलाइन 1930 या साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन को सम्पर्क करें।
करीब 1.77 करोड़ बरामद-
भारत सरकार की ओर से पूर्व में वित्तीय साइबर शिकायतों के लिए 155260 हेल्पलाइन नबंर का संचालन किया जा रहा था। देश में उत्तराखण्ड इस हेल्पलाइन नंबर से जुड़ने वाला तीसरा राज्य है। उत्तराखण्ड राज्य की ओर से हेल्पलाइन नंबर का शुभारम्भ 17 जून 2021 को मुख्यमंत्री की ओर से किया गया था, जिसमें अभी तक कुल 4827 शिकायतें दर्ज हुई हैं। वित्तीय साइबर हेल्पलाइन की मदद से आम-जनमानस के करीब 1.77 करोड़ की धनराशि को बचाया सका है।