मोरी में चार मकानों पर आग लगनेे से प्रशासन की तैयारियों की कलई खुल गई हैं।आग लगने से लाखों का सामान जलकर खाक हो गया, जिससे नाराज ग्रामीणों ने अग्निशमन केंद्र खोलने को लेकर रोड पर चक्का जाम किया। इसके साथ ही आसपास की दुकाने बंद कराई गई।कहने के लिए सर्तक प्रशासन, काफी देर तक नही पहुँचा मौके पर जिसकी वजह से ग्रामीणों में रोष था।
बताते चलें कि यह पहली बार नहीं हुआ है, कई बार आगजनी की घटना से क्षेत्र में काफी नुकसान हो चुका है। मोरी के अग्निशमन केंद्र पुरोला से घटना स्थल पर पहुचने में काफी समय लगता है जिसकी वजह से क्षेत्रीय लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
उत्तराखंड एक ऐसा राज्य हैं जहां जंगलों में लगने वाली आग से बचने के लिए आए दिन माॅक ड्रिल कराई जाती है लेकिन मौका पड़ने पर कुछ भी काम नहीं आता। मोरी में लगने वाली आग को बुझाने के लिए प्रशासन देर से पहुंचा तब तक लाखों का सामान खाक हो चुका था। गुरुवार को हुई माॅक ड्रिल में यह दिखाया गया था कि फारेस्ट डिर्पाटमेंट आए दिन लगने वाली आग के लिए सर्तक हैं और सारी तैयारियां पूरी हैं। लेकिन यह सारी तैयारियां धरी की धरी रह गई जब असल में आग लगी।
आग लगने वाला क्षेत्र मोरी, देहरादून से लगभग 160 किमी दूर है जबकि पुरोला से केवल 75 किमी जहा अग्निशमन केंद्र मौजूद है, इसके बावजूद मदद के लिए फारेस्ट डि्पार्टमेंट और प्रशासन दोनों नाकामयाब रहे।