तीर्थनगरी देवप्रयाग से सटे नृसिहांचल पर्वत पर तीन दिन से लगी आग अब नगर के बाहबाजार क्षेत्र तक पहुंचने से लोगों में दहशत फैल गई है। आग निर्माणाधीन राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान के परिसर के समीप तक पहुंच गई है। कई हेक्टेयर तक फैली इस आग से चीड़ के जंगलों सहित वन्य जीवों को भी काफी नुकसान पहुंचा है।
वन विभाग जंगलों में लगी आग पर काबू पाने में नाकाम साबित
आग के राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान परिसर के समीप पहुंचने से अफरा-तफरी
दरअसल, देवप्रयाग नगर के समीप पौड़ी जिला स्थित नृसिहांचल और डांडा नागराजा क्षेत्र में पिछले तीन दिन से आग धधक रही है। मरोड़ा गाड़ की दोनों ओर की पहाड़ियों पर डांडा नागराजा के पीपल कोटी, बैजाण, कापड़, रीई गांव तक आग फैल चुकी है। आग नृसिहांचल स्थित पयाल, सौड, सिराला, घुडेत जखनी, खेड़ा गांव होते अब नगर के बाहबाजार के समीप तक पहुंच गयी। कई हेक्टेयर में फैली आग की वजह से जंगली वन्य जीव भी नगर के समीप पहुंच गए। गुरुवार दिन में भी जंगलों से लगातार आग और धुआं उठता रहा।नगर के निकट दशरथाचल पहाड़ के जंगल में भी आग फिर से सुलग उठी है। तीर्थनगरी के चारों ओर स्थित पहाड़ियों में लगी आग से गंगा, भागीरथी, अलकनंदा घाटी गहरे धुएं गुबार से भर गई है। उधर, वन विभाग जंगलों में लगी आग पर काबू पाने में निष्क्रिय दिखाई दे रहा है, जिसके चलते क्षेत्रीय जनता में वन विभाग के खिलाफ रोष बना हुआ है।