हरिद्वार। जैसे-जैसे जलाभिषेक की तिथि नजदीक आती जा रही है, कांवड़ियों की संख्या में भी इजाफा होता जा रहा है। यही कारण है कि हरिद्वार के सभी मार्गों पर कांवड़ियों का कब्जा हो चुका है। चारों ओर से तीर्थनगरी कांवड़ियों के कारण भगवा रंग में रंगी नजर आ रही है। कांवड़ियों का सैलाब ही नजर आ रहा है।
वहीं इस बार भी कांवड़ यात्रा में श्रद्धा के कई रंग नजर आ रहे हैं। कोई सौ फीट लम्बी तिरंगा कांवड़ यात्रा ले जा रहा है तो कोई धार्मिक झांकियों से सजी कांवड़। गुरुवार को 31 फीट तिरंगा कांवड़ भी तीर्थनगरी में नजर आई। कांवड़ यात्रा में प्रभु भक्ति के साथ राष्ट्रभक्ति भी झलक रही है। मेरठ से आए दर्जनों कांवड़िये 31 फिट ऊंचा तिरंगा लेकर कांवड़ यात्रा पर निकले हैं। गुरुवार को 31 फीट ऊंचे तिरंगे के साथ कांवड़िये जल भरकर अपने गंतव्य की ओर रवाना हुए। इन कांवड़ियों की यह तीसरी कांवड़ यात्रा है।
वहीं दूसरी ओर कांवड़ यात्रा अपने चरम पर है और कांवड़िये गंगाजल लेकर दिन रात पैदल चलकर अपने गंतव्य की ओर कूच कर रहे हैं। बावजूद इसके हाइवे की खस्ताहाल हालत ने कांवड़ियों के समक्ष परेशानी खड़ी की हुई है। सड़कों में गड्ढ़े और गड्ढ़ों को मिट्टी के द्वारा भरे जाने से बरसात के बाद सड़कों पर कीचड़ का साम्राज्य हो गया है। कीचड़ में से ही निकलने के कारण कांवड़ियों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। व्यवस्थाएं दुरूस्त न करने के बाद भी प्रदेश सरकार 28 जुलाई से कांवड़ियों पर पुष्पवर्षा करने का ऐलान कर चुकी है।