अनुसूचित जाति व जनजाति में उद्यमशीलता को बढ़ावा देने पर फोकस-मुख्यमंत्री

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मुख्यमंत्री रावत ने शनिवार को आईसीसीएए द्वारा ओएनजीसी ऑडिटोरियम में आयोजित चतुर्थ एक दिवसीय राष्ट्रीय एससी/एसटी हब स्टेट कॉनक्लेव में केन्द्रीय राज्यमंत्री सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम श्री गिरिराज सिंह तथा केन्द्रीय राज्यमंत्री वस्त्र श्री अजय टमटा के उपस्थिति में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि, “राष्ट्रीय एससी/एसटी हब स्टेट कॉनक्लेव स्वालम्बन की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। यदि युवा स्वालम्बी बनने का संकल्प ले लेते है तो सभी रास्ते स्वयं बनने लगते है। आत्मनिर्भरता आत्मविश्वास को बढ़ाती है। स्वरोजगार, स्वालम्बन व आत्मविश्वास के लिए महत्वपूर्ण है। युवाओं को मात्र सरकारी नौकरियों की मानसिकता से बाहर निकलना होगा।”
प्रधानमंत्री की पहल पर कौशल विकास द्वारा युवाओ के सशक्तीकरण का कार्य प्रभावी रूप हो रहा है। केन्द्र सरकार द्वारा रोजगार व स्वरोजगार के अधिकाधिक अवसर सृजित करने हेतु विभिन्न योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। आने वाले समय में इन योजनाओं का लाभ धरातल पर दिखाई देगा। युवाओं के कल्याण व सभी योजनाओं को क्रियान्वित करने के लिये उत्तराखण्ड सरकार द्वारा केन्द्र सरकार को पूर्ण सहयोग दिया जाएगा। राज्य में पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिया गया है।
इस पहल से रोजगार के नए आयाम आरम्भ होंगे। राज्य में देवभोग प्रसाद योजना के अर्न्तगत अभी तक केदारनाथ में सवा करोड़ रूपये तक का प्रसाद की बिक्री हो चुकी है। जो महिलाएं व महिला स्वयं सहायता समूह देवभोग प्रसाद बनाने से जुड़ी है, उनके आर्थिक व सामाजिक सशक्तिकरण का मार्ग भी खुला है। स्थानीय जड़ी-बूटियों व उत्पादों पर आधारित पूजा सामग्री तैयार की दिशा में शीघ््रा कार्य आरम्भ किया जाएगा। उत्तराखण्ड के स्थानीय अनाज सबसे पौष्टिक आहारो में माने जा रहे है। राज्य सरकार द्वारा स्थानीय अनाजों के उत्पादन व प्रयोग को प्रोत्साहित किया जा रहा है। उत्तराखण्ड राज्य तथा यहां के लोगो का अपना एक ब्राण्ड है जो अपनी विश्वसनीयता, सरलता ईमानदारी व कर्मठता के लिए लोकप्रिय है। हमें इस विश्वसनीयता को बनाये रखते हुए राज्य को प्रगति के पथ पर ले जाना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने एससी एसटी वर्ग के लिए बनाई गई कल्याणकारी योजनाओं को लक्ष्य आधारित किया है। इन योजनाओं को लागू करने के लिए निश्चित समय-सीमा व उत्तरदायित्व निर्धारित की गए है। अनुसूचित जाति व जनजाति में उद्यमशीलता को बढ़ावा देने तथा उन्हें स्वालम्बी बनाने के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं को धरातल पर प्रभावी ढंग से लागू करने हेतु सरकार द्वारा निरन्तर प्रयास किए जा रहे है। हमें समाज के सभी वर्गो का चंहुमुखी विकास सुनिश्चित करना है। स्टार्ट अप नीति में भी एससी/एसटी वर्ग के लाभार्थियों को प्राथमिकता दी जा रही है। स्टैण्ड अप इण्डिया में भी एससी, एसटी व महिलाओं के लिए विशेष प्रावधान है। केन्द्र सरकार के वस्त्र मंत्रालय द्वारा राज्य में रिसर्च सेन्टर स्थापना के प्रयास में राज्य सरकार द्वारा पूरा सहयोग किया जाएगा।
इस अवसर पर केन्द्रीय राज्यमंत्री सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम गिरिराज सिंह ने कहा कि, “भारत सरकार की सभी योजनाओं का लाभ व सहयोग राज्य सरकार को दिया जा रहा है। 18 अक्टूबर 2016 को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा पंजाब में एससी-एसटी हब कॉन्क्लेव का शुभारम्भ किया गया। छोटे-छोटे शिल्पकारों व हेरिटेज को चिन्हित किया गया है तथा उनके लिए कॉमन फैसिल्टी सेन्टरस स्थापित किए जा रहे है, 300 केन्द्रीय पीएससी बनाए गए है। जहां पर उन्हें तकनीकी व अन्य प्रकार की सहायता प्रदान की जा रही है। मंत्रालय द्वारा प्रत्येक जिले में कलस्टर आधारित योजनाओ पर विचार किया जा रहा है।  एससी-एसटी वर्ग में उद्यमशीलता को बढ़ावा देने पर विशेष फोकस किया जा रहा है। लोगो को उनके गांव में ही रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। पीएमईजीपी में भी बीस प्रतिशत एससी/एसटी वर्ग के लिए आरक्षित किया गया है। बैंको से कॉलेटरल लॉन के लिए माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा 7500 करोड़ का कॉरपस फंड बनाया गया है।
केन्द्रीय राज्यमंत्री वस्त्र  अजय टमटा ने कहा कि, “हमारे शिल्पकार व विभिन्न परम्परागत कार्यो  से जुड़े लोगो का स्वरोजगार व ग्रामीण जीवन में महत्वपूर्ण स्थान है। हमें अपने परम्परागत शिल्प व उद्यमों को सरंक्षित व पोषित करने की आवश्यकता है। हमारा सामाजिक ताना-बना एक दूसरे से जुड़ा है। सीमान्त क्षेत्रों मे पलायन रोकने में परम्परागत कार्यो से जुड़े में लोगो की महत्वपूर्ण भूमिका है।”