शहरों में अवस्थापना सुविधाओं के लिए 1700 सौ करोड़ स्वीकृत

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देहरादून। एशियन डेवलपमेंट बैंक ने उत्तराखण्ड के शहरों में अवस्थापना सुविधाओं के विकास तथा सीवरेज ट्रीटमेंट के लिये 1700 करोड़ रुपये की सहायता देने की सैद्धान्तिक सहमति प्रदान की है। यह जानकारी एडीबी के इण्डिया रेजीडेण्ट मिशन के कन्ट्री डायरेक्टर केनिची योकोयामा ने दी। योकोयामा ने अपने सहयोगियों के साथ उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से सोमवार को मुख्यमंत्री आवास पर भेंट की।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने एडीबी के दल का स्वागत करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड सरकार प्रदेश की नगरीय अवस्थापना सुविधाओं को विकसित करने तथा उन्हें बेहतर बनाने के लिये प्रतिबद्ध है। एडीबी द्वारा प्रदान किये जाने वाली सहायता का शत-प्रतिशत पूर्ण क्षमता के साथ सदुपयोग किया जायेगा। उत्तराखण्ड के नगरीय क्षेत्र स्थानीय जनता के साथ-साथ बड़ी संख्या में पर्यटकों और श्रद्धालुओं की फ्लोटिंग पाॅपुलेशन से भी अच्छादित रहते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में संस्थागत प्रक्रियाओं को पारदर्शी और आउटकम बेस्ड बनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने एडीबी सहायतित कार्यक्रमों के लिये मजबूत पीएमयू (प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट) तथा अन्तरविभागीय समन्वय पर बल दिया।
योकोयामा योकोयामा ने बताया कि एडीबी द्वारा नगर निगमों सहित शहरी क्षेत्रों में अवस्थापना सुविधाओं, सीवर प्लांट, जलापूर्ति हेतु सहायता दी जायेगी। उन्होंने कहा कि एडीबी द्वारा राज्य के नगर निकायों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने तथा उनके संसाधनों के बेहतर प्रबन्धन के लिये भी रिफार्म प्रोग्राम संचालित किया जा सकता है। नगर निकायों हेतु आई.टी. वेस्ड बिलिंग और टैक्स कलेक्शन सिस्टम को प्रोत्साहित किया जा सकता है। एडीबी का मूल ध्यान नई तकनीकों एवं सामग्री का प्रयोग करना है। एडीबी द्वारा राज्य को फण्ड की कमी नहीं होने दी जायेगी। राज्य के नये प्रस्तावों पर भी विचार किया जायेगा।
मुलाकात के दौरान नगर विकास मंत्री मदन कौशिक, मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, नगर विकास सचिव आर.के.सुधांशु, वित्त सचिव अमित नेगी, एडीबी साउथ एशिया के नगर विकास डिविजन के निदेशक शेखर बोनू, एडीबी की विशेषज्ञ सुश्री एलेक्जेन्ड्रा वोल आदि उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने एडीबी के अधिकारियों को स्मृति चिन्ह् भेंट किया।