यूनाइटेट नेशन द्वारा विश्व योग दिवस की घोषणा ने सदियों से चली आ रही भारतीय योग की परम्परा को नया आयाम दे दिया है, ऐसे में योग की नगरी के रूप में विख्यात ऋषिकेश का महत्व भी काफी बड़ जाता है, यहां अंतराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर दूर-दूर से देशी-विदेशी योगप्रेमी योग सिखने यहां पर पहुंचते है – विश्व भर के पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है योग नगरी ऋषिकेश।
यही वो जगह है जिसने पुरे विश्व को भारतीय योग से परिचित कराया और पश्चिम योग की धरा से रूबरू हो कर इसको आत्मसाध कर दिया। आज यूएनओ ने भारतीय योग को जरुरी मानकर 21 जून को जो इंटरनेशनल योगा डे के रूप में मान्यता दी इसका श्रेय भी ऋषिकेश योग नगरी को ही जाता है। आज यहां हर तरफ योग की पाठशाला चल रही है जिसमें देश के साथ साथ विदेश से आये पर्यटक भी योग करते दिखे।
योग ऋषिकेष से निकलकर आज पूरे विश्व मे फैल चुका है, अौर हर कोई इसकी तरफ आकर्षित होता दिख रहा है, यही कारण है कि अन्तराष्ट्रीय योग दिवस को आज पूरा विश्व धूम-धाम से मना रहा है। तीर्थनगरी ऋषिकेष में योग सीखने पहुँचे विदेशी साधक योग को स्वास्थ्य और एक बेहतर जीवन के लिए बेहद जरूरी मानते है ओर वो सबसे योग के साथ जुड़ने की बात भी कर रहे है।
ऋषिकेष को योगा कैपिटल ले नाम से भी जाना जाता है, ऐसे में अन्तराष्ट्रीय योग दिवस में यहां का महत्व और भी बढ़ जाता है। सात समंदर पार से आये मेहमान भी भारतीय योग की तरफ बढ़ते दिखते है और हर साल आज के दिन गंगा घाटों पर अन्तराष्ट्रीय योग दिवस मनाते है।