(ऋषिकेश) ऋषिकेश और आसपास के छेत्र में नए साल के जश्न को मानाने के लिए महानगरो और आसपास के छेत्रो से बड़ी संख्या में पर्यटक आते है नए साल की मस्ती राजा जी पार्क के लिए एक बड़ी चुनौती के रूप में सामने आती है।
यहाँ के महानरों से सटे एरिया में बढ़ते होटल और रिजार्ट,राफ्टंग कैम्प में बड़ी संख्या में सैलानी आते है डीजे का शोर – पटाखो का शोर यहाँ रह रहे वन जीवी और हाथियो के जीवन को प्रभावित करता है ,जिस से वन जीवो कि सुरक्षा और मानव जीव संघर्ष की घटनानाओ को लेकर जीव प्रेमी और पर्यावरविद चिंतित है, 820 km के छेत्रफल में फेले राजा जी नेशनल पार्क में हरिद्वार -देहरादून और पोडी गढ़वाल जिले का बड़ा भूभाग सम्म्लित है ऐसे में नया साल का जश्न यहाँ के जीवो के लिए एक बड़े खतरे के रूप में सामने आता है, जिस के कारण अवैध शिकारी और हुड़दंगियों के चलते पार्क छेत्र में वन्यजीवों कि सुरक्षा खतरे में पड जाती है।
तेज़ आवाज़ और रौशनी पटाखो के चलते जीव उग्र हो जाते जिससे मानव जीव संघर्ष बड़ जाता है ,जिव प्रेमी और पर्यावरण विद इसको लेकर काफी चितित है लोगो से अपील कर रहे है कि पार्क छेत्र में सयम बरते और अनहोनी घटनाओ से बचे। वही ऋषिकेश रेंज और चीला, मोतीचूर और गोहरी रेंज में नए साल कि चुनौती से निपटने के लिए वैन विभाग ने चोकसी बड़ा दी है और सभी लोगो से अपील कि जा रही है वन छेत्र में सावधानी बरते, गाड़ी धीमे चलाये, शोर गुल कम करे और नियम कायदो कि अनदेखी न करे। साथ ही पार्क प्रशाशन ने आबादी से सटे छेत्रो में विशेष टीम तैनात कर चोकसी को मजबूत कर दिया है।
राजाजी पार्क के कासरो रेंज के रेंजेर डी.पी उनियाल ने बताया कि, “नए साल के मध्यनजर पार्क प्रशाशन पूरी तरह से तैयार है और यहाँ पहुंचने वाले पर्यटकों के साथ साथ पुरे पार्क को लेकर सुरक्षा बरती जा रही है। नया साल जहा नया जोश लेकर आता है वही इस जश्न के माहोल में पार्को से सटे आबादी छेत्रों में जानवरो में असुरक्षा बड जाती है और मानव जीव संघर्ष बड जाता है, यदि आप भी इस छेत्र में है तो हम आप से अपील करते है जंगल में गुजरे तो नियम कायदो कि अनदेखी न करे जिस से जानवरो के साथ आम लोगो कि जिंदगी खतरे में न पड़े।”