अब वन कर्मियों को सिखाया जाएगा ड्रोन उड़ाना

0
1353
Drone

देहरादून। अब वन कर्मियों को वन्यजीव और संपदा की सुरक्षा के लिए आधुनिक तकनीक और कानूनों के प्रभावी इस्तेमाल की ट्रेनिंग दी जाएगी, ताकि वर्तमान चुनौतियों में भी वे अपना काम बेहतर ढंग से कर सकें। पिछले कुछ सालों में राज्य में लगातार वन्य जीव तस्करी बढ़ी है। इसके अलावा उनके तरीकों में भी बदलावा आया है।

यारशागंबू, लीसा, लकड़ी समेत वन्य संपदा की तस्करी के मामले भी बढ़ हैं। ऐसे में वन विभाग भी तस्करी रोकने और सुरक्षा के आधुनिक तरीके और तकनीकें इस्तेमाल कर रहा है। इसमें ड्रोन कैमरेों से जंगलों पर नजर रखने, ट्रैकिंग के लिए जीपीएस सिस्टम का उपयोग करने सहित कई आधुनिक तकनीक शामिल हैं। इसके अलावा वन कानूनों में बदलाव, वर्तमान समय में उनका बेहतर इस्तेमाल, बेहतर कार्ययोजना आदि पर भी विभाग का खास फोकस है। इसके लिए सभी डिवीजनों में वन दरोगा और फारेस्ट गार्ड को इन तकनीकों और तरीकों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके अलावा वन्यजीव कानून का अपडेट और उनके ज्यादा प्रभावी इस्तेमाल की भी जानकारी दी जा रही है।
इस दौरान पीसीसीएफ एचआर मोनीष मलिक ने बताया कि वर्तमान में ड्रोन और जीपीएस जैसी आधुनिक तकनीकें वनों की सुरक्षा के लिए जरूरी हो गई हैं। निचले स्तर के कर्मचारियों को इसकी जानकारी होना जरूरी है। इसका उन्हें प्रशिक्षण दिया जा रहा है, वन कानूनों के प्रभावी इस्तेमाल की भी जानकारी विभाग दे रहा है।