जंगल बन रहे नशेड़ियों के लिए ऐशगाह, कार्रवाई की मांग

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ऋषिकेश। श्यामपुर न्याय पंचायत के आसपास राजाजी नेशनल पार्क के समीप जंगल अराजक तत्वों और नशेड़ियों के लिए आरामगाह बन गए हैं। ग्राम सभा खदरी खड़क माफ की सीमा के निकट ऋषिकेश वन बीट सहित गोहरी रेंज के टाइगर रिजर्व क्षेत्र में असामाजिक तत्व प्रवेश कर रहे हैं, जो दिनभर गांगा पीते रहते हैं। कुछ नशे के सेवन के लिए शराब की बोतलों के साथ जंगल में आ धमकते हैं। इन अराजक तत्वों के हौसले इतने बुलन्द हो गए हैं कि खुले आम जंगल में चूल्हा जलाकर मांस पका कर नशे का सेवन करते हैं। इससे न केवल जंगल मे आग लगने का भय बना रहता है, बल्कि गंगा किनारे नशे के सेवन से गंगा की मर्यादा भी भंग हो रही है। 

ये असामाजिक तत्व स्थानीय हैं, जो किशोरों को नशे की लत में डालने का कार्य कर रहे हैं। इससे कई परिवारों के युवा नशे की गिरफ्त में आ चुके हैं। असामाजिक तत्वों का हजूम सुबह से ही पॉलीटेक्निक संस्थान के समीप जंगल में प्रवेश कर जाता है। जो दिनभर नशे का सेवन कर अराजकता फैलाने से भी बाज नहीं आते हैं। नाम न छापने की शर्त पर एक ग्रामीण महिला ने बताया कि स्थानीय महिलाएं जंगल में गाय चराने छोड़ने जाती हैं, जो अब भयभीत है। 

पिछले दिनों अराजक तत्वों द्वारा राजकीय पॉलीटेक्निक गढ़ी श्यामपुर खदरी में आवासीय परिसर को भारी क्षति पहुंचायी गयी थी। गांव की सीमा पर नशेड़ियों के बढ़ रहे हजूम पर चिंता व्यक्त करते हुए ग्राम प्रधान खदरी के स्वरूप सिंह द्वारा कोतवाली ऋषिकेश को पूर्व में ही लिखित सूचना प्रेषित कर सुरक्षा के उपायों की मांग की गई है। ग्रामीणों कहना है कि यदि समय रहते असामाजिक तत्वों पर नियन्त्रण नहीं किया गया तो अराजक तत्व कभी भी किसी घटना को अन्जाम दे सकते हैं। इसमें भीषण गर्मी के कारण जंगल सूखे होने के कारण जंगल में आग लगने की भी प्रबल आशंका है।  

वन क्षेत्राधिकारी एसएस नेगी का कहना है कि, “वन विभाग की टीम नियमित रूप से जंगलों में गस्त कर रही है और कई लोगों को पकड़ा भी गया है। जंगल में किसी भी प्रकार का जलनशील पदार्थ तथा नशे का सेवन किया जाना कानूनन अपराध है। इसकी शिकायत मिली है।,इसके चलते जंगल में आजकल गस्त और बढ़ा दी गई है।”