देहरादून। जनवरी माह की सर्दी में उत्तराखंड की राजनीति गर्मा रही है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की तर्ज पर पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा की हाल ही में हुई डिनर पार्टी के कई निहितार्थ निकाले जा रहे हैं। इसके कारण राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। डिनर पार्टी में प्रदेश के मुख्यमंत्री ने पहुंचकर तमाम कयासों को पिछले धकेल दिया।
पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय महामंत्री हरीश रावत अपनी भोज राजनीति के कारण चर्चाओं में रहते हैं। इसी को पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा भी अपनाते हैं। शनिवार की रात एक निजी होटल में स्थानीय निकाय चुनाव जीतने वाले विजयी प्रत्याशियों के सम्मान में एक भोज का आयोजन किया गया। इसमें मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, कई कैबिनेट मंत्री, विधायक तथा संगठन के पदाधिकारी भी शामिल हुए। इसके कारण पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा की डिनर डिप्लोमेसी को वह सफलता नहीं मिल पाई। इसकी उन्हें चाहना रही होगी।
इस भोज में टिहरी सांसद माला राजलक्ष्मी शाह का शामिल होना भी चर्चा का कारण बना हुआ है। हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा इसे महज विजयी प्रत्याशियों के स्वागत में आयोजित भोज बताते हैं, लेकिन जानकारों की माने तो इसके पीछे जीते हुए जन प्रतिनिधियों से सम्पर्क बढ़ाना तथा टिहरी तथा पौड़ी संसदीय लोकसभाओं पर अपनी दावेदारी को तेज करने का प्रयास है।
राजनीतिक समीक्षक मानते हैं कि इस रात्रि भोज के माध्यम से इशारों ही इशारों में बहुगुणा ने भाजपा हाई कमान को दिखा दिया है कि वह टिहरी लोकसभा के प्रबल दावेदार हैं। वहीं डिनर पार्टी के दौरान पहुंचे पूर्व सीएम विजय बहुगुणा ने सीएम से मुलाकात करने के सवाल पर बताया कि जो प्रदेश का बजट आने वाला है उस पर चर्चा हुई।
मुख्यमंत्री तथा कई प्रमुख मंत्रियों के पहुंचने से भले ही इस रात्रि भोज का उद्देश्य अपेक्षित रूप से पूरा न हुआ लेकिन, यह डिनर डिप्लोमेसी उत्तराखंड में चर्चाओं का कारण बनी हुई है।