भाजपा के विधायकों को मनाने में लगे हैं पूर्व मुख्यमंत्री बहुगुणा

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विजय बहुगुणा

भाजपा के कुछ मंत्री और विधायकों के दलबदल की आशंकाओं के बीच पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने आज कांग्रेस नेता हरीश रावत और कांग्रेस के उन दावों को खारिज कर दिया जिनमें भाजपा के विधायक और मंत्री पार्टी छोड़कर कांग्रेस में जाने की बात कही थी। उन्होंने चुटकी लेते हुए हरीश रावत से पूछा है कि वह यह बताएं कि वह कौन सी सीट से चुनाव लड़ रहे हैं।

दरअसल, मंत्री हरक सिंह और विधायक उमेश शर्मा काऊ के व्यवहार के चलते पार्टी छोड़ने की आशंकाएं प्रबल हुई हैं। यही कारण है कि भाजपा के नेता कभी डॉ. हरक से तो कभी काऊ से बंद कमरों में वार्ता कर रहे हैं। खबर है कि भाजपा हाईकमान ने किसी भी डैमेज को रोकने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री बहुगुणा को देहरादून भेजा है। बताया गया कि 2016 में विजय बहुगुणा के नेतृत्व में जो कांग्रेस छोड़कर भाजपा में गए थे, अब उन्हें रोकने की जिम्मेदारी बहुगुणा को सौंपी गई है।

पिछले कुछ दिनों से प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और विजय बहुगुणा अपने नाराज मंत्री व विधायकों की नाराजगी दूर करने में जुटे हुए हैं। डॉ. हरक सिंह और काऊ जेपी नड्डा से लेकर तमाम पार्टी के बड़े नेताओं से मिलकर उन्हें अपनी समस्याएं बता चुके हैं। इसी बीच विजय बहुगुणा ने कहा कि उनका कोई सहयोगी (भाजपा का) कोई मंत्री और विधायक कांग्रेस में जाने वाला नहीं है।

बुधवार को विजय बहुगुणा ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात कर हालात पर चर्चा की है। वह केंद्रीय नेताओं से भी वार्ता करने की बात कह रहे हैं तो इसका सीधा मतलब है कि वह इन नाराज नेताओं की समस्याओं के समाधान का भरोसा दे चुके हैं। विजय बहुगुणा अपने इस मिशन डैमेज कंट्रोल में कितने सफल हो पाते हैं, यह आने वाले दिनों में ही पता चल सकेगा लेकिन बहुगुणा अच्छी तरह से जानते हैं कि उनके खुद के लिए कांग्रेस के द्वार खुलने मुश्किल ही नहीं असंभव है। अगर उनके साथ आए नेता भी भाजपा छोड़कर कांग्रेस का हाथ थामते हैं तो भाजपा में भी उनका वजूद नहीं बच पाएगा।