अपनी छठी वर्षगाँठ मनाने के लिए देहरादून के शिक्षित छात्रों के संगठन, मेकिंग ए डिफ़्फरैन्स बाई बीयिंग द डिफ़्फरैन्स (मैड) ने विगत पाँच वर्षों के भाँति इस वर्ष भी मैडाथौन के आयोजन करने की योजना बनाई है | यह मैडाथौन रविवार से आरंभ होगा | मैडाथौन का पहला कार्यक्रम एक मिनी मैराथन का आयोजन है जो सुबह 5.45 को आर. आई. एम. सी. स्कूल से शुरू होगी| रविवार, 4 जून को आयोजित की जा रही इस दौड़ के लिये 8 किलोमीटर लंबा मार्ग निर्धारित किया गया है जो कि आर. आई. एम. सी. स्कूल से शुरू होकर आर. आई. एम. सी. स्कूल पर ही ख़तम होगा | इस दौड़ का प्रसंग मैड के नदियों के पुनर्जीवन के अभियान से जोड़ा गया है |
इस बार के मैडाथौन में मैड पहली बार कला, चित्रकला ऐवम देहरादून के पर्यावरण को दर्शाती तस्वीरों की एक प्रदर्शिनी का आयोजन करने जा रहा है | यह आयोजन 5 जून , विश्व पर्यावरण दिवस के दिन आरंभ किया जा रहा है | देहरादून के पर्यावरण को दर्शाती यह प्रदर्शिनी तीन दिनों के लिए कर्नल ब्राउन स्कूल के सभाग्रह में आयोजित की जा रही है | इस प्रदर्शिनी के लिए मैड के सदस्यों नें ना सिर्फ़ खुद रिस्पना नदी के स्त्रोत और मुहाने का जायज़ा लिया बल्कि देहरादून के सभी नागरिकों से अपील करके उनके द्वारा देहरादून पर किया गया काम भी उनसे माँगा और वही सब कार्य मैड इस प्रदर्शिनी में सभी नागरिकों के साथ सांझा करना चाहता है | यह प्रदर्शिनी रोज़ 3 pm से लगाई जाएगी, साथ ही साथ विश्व पर्यावरण दिवस अर्थात जून 5 के दिन मैड एक चित्रकला पर प्रतियोगिता भी आयोजित कर रहा है ताकि वह स्कूली छात्र–छात्राओं को पर्यावरण संरक्षण से भावनात्मक तौर पर जोड़े रख सके |
मैडाथौन 2017 का समापन समाहरोह एक सांस्कृतिक रंगारंग कार्यक्रम के रूप में जून 7 की संध्या में रखा गया है | यह आयोजन कर्नल ब्राउन स्कूल में रखा गया है और यह शाम 5.45 से शुरू होगा | इसी आयोजन में दौड़ के विजेताओं को पुरस्कृत किया जाएगा और साथ ही साथ प्रदर्शिनी व प्रतियोगिता में भी सर्वश्रेष्ठ भागीदारों को पुरस्कार दिया जाएगा |
मैड के सदस्यों ने बताया कि वे देहरादून की नदियों के पुनर्जीवन के प्रसंग को बहुत महत्व देते हैं और इसे केवल एक खोखला नारा नहीं समझते | उन्होनें कहा कि मैडाथौन को हर वर्ष मिलता जन समर्थन ही वह कारण है जिससे मैड नीति नियोजन के मामलों पर राज्य सरकार ऐवम देहरादून के शासन तंत्र को अपनी पर्यावरण संरक्षण की सलाह पुरज़ोर तरीके से दे पाता है और इसको सरकारी तंत्र को महत्व भी देना पड़ता है|