(देहरादून) वन अनुसंधान संगठनों के अंतराष्ट्रीय संघ (आईयूएफआरओ) ने भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद के महानिदेशक डॉ. सुरेश गैरोला को इफ्रो अंतर्राष्ट्रीय परिषद के लिए भारत के राष्ट्र प्रतिनिधि के रूप में नियुक्त किया है। इफ्रो वन विज्ञान संगठन के लिए आॅस्ट्रेलिया में स्थित वैश्विक नेटवर्क है। जो विज्ञान के क्षेत्र में आधूनिक अनुसंधान और ज्ञान को साझा करने के लिए 110 देशा में मिशन के रूप में कार्य करता है।
यह 110 देशों में करीब 700 इफ्रो वन विज्ञान संगठन बेहतर आधुनिक अनुसंधान व ज्ञान साझा करने के मिशन के साथ कार्य करता है। संगठन 110 देशों में करीब 700 सदस्य संगठनों से 15,000 से भी अधिक वैज्ञानिकों को जोड़ता है। भारत के राष्ट्र प्रतिनिधि के रूप में नियुक्त किए गए वन अनुसंधान संस्थान के महानिदेशक डॉ. गैरोला ने बताया कि इफ्रो अंतर्राष्ट्रीय परिषद् एक सर्वोच्च संस्था है। इसके सदस्य इफ्रो की नीतियों एवं कार्यनीतियों से संबंधित बड़े मुद्दों पर अध्यक्ष एवं बोर्ड को सलाह देते हैं। अंतर्राष्ट्रीय परिषद (आईसी) के सदस्य भी अपने अपने देशों के राजदूत के रूप में इफ्रो की सेवा करते हैं। साथ ही वे वनों से संबंधित अनुसंधान संगठनों इफ्रो में वैज्ञानिकों की मजबूत एवं सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। बताया कि इफ्रो के वैश्विक नेटवर्क में वैज्ञानिक सहयोग के लिए वर्तमान उद्देश्य में सम्मिलित विषय वस्तुएं हैं। जिनमें वनों के लिए जनमानस, वन एवं जलवायु परिवर्तन, बेहतर भविष्य के लिए वन एवं वन आधारित उत्पाद, जैवविविधता, पारिस्थितिकी सेवाएं व वानस्पितिक क्षति, वन, मृदा एवं जलस्तर पर विचार विमर्श आदि शामिल हैं।
वन अनुसंधान संस्थान व अन्य वन संस्थान डॉ. गैरोला के देश के प्रतिनिधि के रूप में नियुक्त होने पर काफी हद तक लाभान्वित होंगे। इससे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की अनुसंधान उपलब्धियों को प्रदर्शित करने के लिए मंच प्रदान होगा। इसके अलावा मुख्य विषयवस्तु क्षेत्रों में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग हेतु अवसर खुलेंगे। इसके परिणामस्वरूप अनुसंधान संगठनों के मध्य बेहतर सहयोग बढ़ेगा।