आखिरकार कमलेश भट्ट (26) को वतन की मिट्टी नसीब हो गई। सोमवार को ऋषिकेश में कोरोना काल के दिशा-निर्देशों की परिधि में कमलेश पंचतत्व में विलीन हो गए। धनोल्टी तहसील के सेमवाल गांव निवासी कमलेश भट्ट का 16 अप्रैल को दुबई में निधन हो गया था। वह वहां एक होटल में नौकरी करते थे।
दुबुई में मौत, शव भारत आया, वापस भेज दिया गया, सोशल मीडिया में आलोचना के बाद शव दोबारा भारत आया
पिछले रविवार को कमलेश का शव वहां से दिल्ली आया, कागजी खानापूर्ति पूरी न होने के चलते उसे वापस दुबई भेज दिया गया। इससे परिजन खासे मायूस हुए। यह वाकया सोशल मीडिया में वायरल होने पर शव को दोबारा दिल्ली भेजा गया। सोमवार सुबह परिजन शव को लेकर उत्तराखंड आए और ऋषिकेश में अंतिम संस्कार कर दिया।
कमलेश की दुबई में मौत के बाद से ही परिजन परेशान थे। उन्होंने शव को भारत लाने की मांग की। मगर कहीं से कोई मदद न मिलने पर क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता रोशन रतूड़ी ने किसी तरह से शव को बीती रविवार को को आबूधाबी एयरपोर्ट से इंदिरा गांधी एयरपोर्ट दिल्ली कारगो विमान से भिजवाया। मगर कोरोना काल की केंद्र सरकार की गाइड लाइन के चलते शव को वापस दुबई भिजवा दिया गया। शव लेने गए परिजन मायूस होकर वापस लौट आए।
सोशल मीडिया में आलोचना होने पर शव का वापस दिल्ली मंगवाया गया। इसके बाद शव को परिजन दिल्ली से ऋषिकेश लाए और वहां कमलेश का अंतिम संस्कार किया। भाई विमलेश, मां प्रमिला व पिता हरि प्रसाद भट्ट ने पुत्र के अंतिम दर्शन और अपने सामने अंतिम संस्कार होने से संतोष जताया है।