देहरादून, हमारी खामोशी को हमारी कमजोरी ना समझा जाए, कुछ ऐसी लाइन पर चलते हुए भारतीय सेना ने आखिरकार चीन को उसी की जबान में जवाब देने की तैयारी शुरू कर दी है। जिसका आगाज उत्तराखंड की हरी-भरी वादियों से चीन के बॉर्डर के आसपास शुरू हो गया है। उत्तराखंड के आसमान आजकल सेना के सुखोई विमान की गड़गड़ाहट से गूंज रहे हैं।
एक लंबे समय बाद आखिरकार भारत ने उत्तराखंड की सीमाओं पर अपना वर्चस्व दिखाना शुरू कर दिया है जिसकी शुरुआत सेना के युद्धाभ्यास गगन शक्ति के रूप में उत्तराखंड से हो चुकी है। जॉली ग्रांट एयरपोर्ट से लगातार भारतीय वायुसेना के फाइटर विमान और मालवाहक विमान आते हुए सुदूर उत्तरकाशी बॉर्डर तक अपनी धमक को बॉर्डर पार बैठे चीन को दिखा रहे हैं।
भारतीय वायुसेना का युद्धाभ्यास ‘गगन शक्ति’ चीन सीमा पर भी शुरू हो गया है। इसके तहत वायुसेना के हेलीकॉप्टरों ने सीमा पर स्थित नेलांग घाटी तक कई बार उड़ान भरी। पैरा कमांडोज ने हेलीकाप्टर से रस्सियों के सहारे उतरने का अभ्यास किया। देश में आठ अप्रैल से शुरू हुआ यह अभ्यास 22 अप्रैल तक जारी रहेगा। इसी के तहत उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर वायुसेना के जांबाज अभ्यास कर रहे हैं। सुबह छह बजे आसमान हेलीकाप्टर और मालवाहक विमान एएन-32 की गड़गड़ाहाट से गूंज रहे है , यह पहला मौका है जब वायुसेना के जांबाज इतने बड़े स्तर पर उत्तराखंड से सटी चीन सीमा पर युद्धाभ्यास कर रहे हैं। और चीन को अपने सामरिक शक्ति का एहसास दिला रहे हैं।
आने वाले समय में उत्तराखंड से सटी हुई चीन सीमा पर सेना की कई गतिविधियां बढ़ेगी और सीमाओं को सुरक्षित करने के लिए रक्षा मंत्रालय सड़कों के साथ साथ अन्य सभी पहलुओं पर ठोस कदम उठाएग, जिससे चीन के द्वारा भारतीय सीमाओं में की जा रही घुसपैठ पर रोक लग सकेगी और भारतीय सीमाएं भी सुरक्षित हो सकेंगी।