ऋषिकेश,पहाड़ों में हो रही बारिश से गंगा अपना रौद्र रूप दिखाने लगी है। गंगा खतरे के निशान के ऊपर बह रही है। उफनाई गंगा नगर की हद्वय स्थली त्रिवेणी घाट का आरती स्थल को जलमग्न कर दिया है। वहीं घाट पर बनी सुरक्षा पुलिस चौकी बह गई है। चंद्रेश्वर नगर में रह रहे गंगा किनारे लोगों के मकानों में पानी घुस गया है। सूचना पर पहुंची आपदा प्रबंधन की टीम ने 11 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया है तथा बाकी लोगों को प्रशासन ने सुरक्षित स्थान पर चले जाने की चेतावनी दी है।
उत्तराखंड जल विद्युत निगम के बैराज स्थित कंट्रोल रूम से मिली सूचना के अनुसार गंगा में आई सिल्ट के कारण चीला पावर हाउस को बंद कर दिए जाने के कारण बिजली का उत्पादन भी बंद हो गया है। बैराज में पानी का बहाव बढ़ने के कारण निकासी के लिए बैराज के फाटक खोल दिया गए है। जल वृद्धि से श्रद्धालुओं को भी स्नान में परेशानी हो रही है। वहीं मैदानी इलाकों में भी गंगा में लगातार बढ़ रहे जलस्तर के कारण खतरे के बादल मंडराने लगे हैं।
सोमवार को गंगा चेतावनी निशान 339.50 से ऊपर से बह रही है। जलस्तर बढ़ने पर स्थानीय प्रशासन ने गंगा तट पर बसे लोगों को सतर्क कर दिया। जबकि तीर्थनगरी के तटीय इलाके में बाढ़ नियंत्रण चौकी पर तैनात कर्मियों ने मुनादी करवाई। चीला शक्ति नहर में 22 हजार क्यूसेक पानी छोड़ चारों टरबाइनों से होने वाले उत्पादन को भी रविवार की रात को बंद कर दिया है। पानी अधिक होने के कारण ऋषिकेश से हरिपुरकलां के बीच बसे लोगों को गंगा में न जाने की सलाह दी गई है।
तहसीलदार रेखा आर्य ने बताया कि, “गंगा का जलस्तर बढ़ने पर बाढ़ नियंत्रण चौकियों पर तैनात कर्मियों को निगरानी बढ़ाने को कहा गया है। फिलहाल गंगा चेतावनी निशान के आसपास बह रही है। इन सबके बीच चौबीस घंटे के दौरान तीर्थ नगरी में मौसम ने कई रंग दिखाए हैं। हल्की बूंदाबांदी के बाद अचानक फिर तेज बारिश हुई। जिससे लोगों को उमस भरी गर्मी से राहत मिली।”