गंगा को स्वछ निर्मल बनाने के उदेश्य से ऋषिकेश से गोमुख तक हर साल गंगाकलश यात्रा का आयोजन किया जाता है, जिस में बड़ी संख्या में युवा और संत हिस्सा लेतें है। ये कलश यात्रा ऋषिकेश से गोमुख तक सभी गंगा तटीय छेत्रो में जन जागरूकता फैलाने के साथ ही पर्यावरण सरक्षण का सन्देश भी देती है। 11 जुलाई को प्रारंभ हुई इस यात्रा का आज समापन हो गया। लाखों लोगों की आस्था का प्रतीक माँ गंगा को स्वचछ और निर्मल बनाने के लिए सरकारी योजनायों के बाद श्री रामायण प्रचार समिति और सारथी संस्था द्वारा 11 से 15 जुलाई तक गंगाकलश यात्रा का आयोजन किया गया ।
इस गंगाकलश यात्रा का मुख्य उद्देशय गंगा को साफ़ और प्रदूषण मुक्त करना है। ये गंगा कलश यात्रा ऋषिकेश से गोमुख तक की जाती है जिसमे गंगा के तटों पे बसे कजबों, छेत्रों और शहरों में लोगों को गंगा के प्रति जागरूक किया गया । इस मौके पर तीर्थ पुरोहित रवि शास्त्री ने बताया कि, ‘गंगा कलश यात्रा बेहद अहम यात्रा है जिसका मुख्य उदेश्य गंगा की स्वछता के प्रति लोगों को जागरूक करना है। आज जिस तरह गंगा में लगातार प्रदुषण हो रहा है ये आने वाले समय में गंगा के वजूद पर सवालिया निशान लगा देगा, गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए अब गंगा तटों के लोगो को संकल्प लेना होगा।’
ऐसे में श्री रामायण प्रचार समिति और सारथी संस्था द्वारा शुरू की गयी ये मुहीम एक नयी जागरूकता को लेकर चलेगी, जब गंगा अपने घर में साफ़ होगी तभी इसका अस्तित्व बच पाएगा। आपको बता दे कि गोमुख से आया गंगा जल पीएम नरेंद्र मोदी को भेंट किया जाएगा । एक तरफ जहाँ गंगा को साफ़ बनाए रखने के लिए गंगा कलश यात्रा उपयोगी साबित हो सकती है, तो वहीँ इससे लाखों लोगों में गंगा के प्रति जागरूकता भी बढ़ेगी। अब देखने वाली बात होगी की इस यात्रा से गंगा का स्वरुप कितना बदलता है।