देहरादून, विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट सोमवार को विधि विधान से 11:40 बजे शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। इसके बाद मां गंगा की उत्सव डोली शीतकालीन पड़ाव मुखीमठ (मुखवा) के लिए रवाना हुई। डोली मंगलवार को मुखवा पहुंचेगी। जहां देश-विदेश के श्रद्धालु शीतकालीन प्रवास मुखीमठ मुखवा में ही मां गंगा के दर्शन कर सकेंगे। यमुनोत्री धाम और केदारनाथ धाम के कपाट मंगलवार को भैयादूज के अवसर पर बंद होंगे। जबकि 17 नवम्बर को बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होंगे। इसके साथ ही चारधाम यात्रा का समापन हो जाएगा।
सोमवार को गंगोत्री धाम में कपाट बंद करने की तैयारी सुबह 8.30 बजे से शुरू गहो गई थी। सबसे पहले मां गंगा का मुकुट उतारा गया। इसके बाद निर्वाण दर्शन किए गए। साथ ही वेद मंत्रों के साथ मां की मूर्ति का महाभिषेक के साथ ही विशेष पूजा-अर्चना की गई। हवन पूजा-अर्चना के साथ 11.40 अमृत बेला के शुभ मुहुर्त पर मंदिर के कपाट बंद किए गए। इस दौरान तीर्थ पुरोहितों ने विशेष पूजा व गंगा लहरी का पाठ किया। डोली में सवार होकर गंगा की भोगमूर्ति जैसे ही मंदिर परिसर से बाहर निकली तो पूरा माहौल भक्तिमय हो उठा।