पहली बार स्थानीय काश्तकारों के फूलों से सजेगें गंगोत्री-यमुनोत्री मंदिर

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गंगोत्री-यमुनोत्री
गंगोत्री-यमुनोत्री तीर्थ धाम अक्षय तृतीया के अवसर पर 26 अप्रैल को खुल जाएंगे। सदियों बाद पहला मौका होगा जब श्रद्धालुओं को तीर्थ धाम के दर्शन करने की अनुमति नहीं होगी। इस बार खास बात यह है कि पहली बार स्थानीय काश्तकारों द्वारा उगाए गए फूलों से गंगोत्री-यमुनोत्री के मंदिरों को सजाया जाएगा। इसके लिए बकायदा शुक्रवार को फूलों से लेदी गाडियां रवाना हो गईं।
आपदा प्रबंधन जनमंच उत्तरकाशी के सदस्य संदीप उनियाल, द्वारिका प्रसाद सेमवाल, कमलेश गुरुरानी ने मुख्य विकास अधिकारी प्रवेश डंडरियाल, आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेन्द्र पट वाल, अध्यक्ष मंदिर समिति गंगोत्री सुरेश सेमवाल, सचिव यमनोत्री मंदिर समिति देवेश्वर उनियाल के सहयोग से और जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान के मार्गदर्शन में शुक्रवार को रेणुका समिति के संदीप उनियाल ने पांच दर्जन समितियों में उगाए फूल गंगोत्री एवं अनिल डंगवाल केदार जन विकास संस्था ने तीन दर्जन समितियों में उगाए फूल यमनोत्री मंदिर के लिए भिजवाए हैं।
बताया गया है कि  ग्लैडियोलस के फूल सजावट के लिए मंदिरों में पहुंच चुके है। ये फूल जाड़ी संस्थान,रेणुका समिति द्वारा बरेथी एवं गैवला के महेश आनन्द, ममता चोधरी, कविता रातुड़ी, चन्द्र्मनी नौटियाल चन्दर शेखर चमोली द्वारा उगाए गए हैं।  जाडी संस्थान और रिलायंस फाउंडेशन समूहों के माध्यम से जीनेठ एवं बांदु गांव में ग्लेडीयोलाई फूल उगाए गए। जरूरत पड़ने पर और फूल भेजे जाएंगे।