आधा दर्जन से अधिक देशों में साईकल से यात्रा कर पर्यावरण के प्रति जर्मनी के दम्पत्ति नैनीताल पहुचें। आधुनिकता के दौर में वाहनों के धुएं से हो रहे प्रदूषण के खिलाफ जर्मन दंपती साइकिल से विश्व भ्रमण पर निकला है। जर्मनी के फ्रैंकफर्ट निवासी अकोस व सोनजा अब तक साइकिल से पर्यावरण प्रदूषण का संदेश देते हुए 20 हजार किमी का सफर तय कर चुके हैं।
उनका कहना है कि यदि वाहनों की संख्या ऐसे ही लगातार बढ़ती रही तो आने वाले समय में सांस लेना मुश्किल हो जाएगा। इसी को देखते हुए उन्होंने साइकिल से यात्रा करने की योजना बनाई ताकि लोगों को पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूक किया जा सके।
पिछले साल पहली मार्च को जर्मनी से साइकिल की यात्रा पर निकला दंपती अब तक थाइलैंड, फिलीपींस, वियतनाम, लाओस व काठमांडू के बाद उत्तराखंड के विभिन्न शहरों का साइकिल से भ्रमण कर चुका है। उत्तराखंड की घुमावदार सड़कों पर साइकिल चलाने के अनुभव के बारे में वे बताते हैं कि बढ़ते वाहनों की वजह से सड़कों पर लोगों के लिए अब पैदल चलना मुश्किल हो गया है।
वाहनों के धुएं से पौधों को सबसे अधिक नुकसान पहुंच रहा है। दंपती का कहना है कि उत्तराखंड में अभी काफी हरियाली बची है। जरूरत है तो इसके संरक्षण और संवर्धन की। यदि इसका संरक्षण नहीं किया गया तो यह सुंदर व मनमोहक जगह भी लोगों के लिए खतरनाक साबित हो जाएगी।
उन्होंने अधिक से अधिक पौधे रोपने, रात में पहाड़ों पर वाहन संचालन पर रोक लगाने का आह्वान किया। साथ ही अधिक से अधिक लोगों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करने को लक्ष्य बताया। उनका कहना है कि यदि हमें अपनी आने वाली पीढ़ी को सुरक्षित वातावरण देना है तो इसके लिए हमें अभी से प्रयासर शुरू करने होंगे।