कांग्रेस से ‘आजाद’ हुए गुलाम नबी

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वर्ष 2024 के आम चुनाव के लिए कमर कसने में जुटी कांग्रेस को तगड़ा झटका लगा है। वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने शुक्रवार को पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कांग्रेस की दुर्गति के लिए पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को जिम्मेदार ठहराते हुए पार्टी के सभी पदों और प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।

आजाद ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिख कर अपनी इस्तीफा भेजा है।

कुछ दिन पहले उन्होंने जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के कैंपेन कमेटी का अध्यक्ष नामित होने के तुरंत बाद पद छोड़ दिया था। आजाद जी-23 गुट के मुखिया हैं जो राज्यसभा नहीं भेजे जाने के कारण कांग्रेस ने नाराज चल रहे हैं।

आजाद ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे पत्र में कहा कि उन्होंने 1970 के दशक से अब तक पूरे मन से पार्टी की सेवा की है। लेकिन वर्ष 2013 मे जबसे राहुल गांधी पार्टी के उपाध्यक्ष बने तबसे पार्टी की पूरी कार्यशैली बर्बाद हो गई। राहुल के पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को किनारे लगाने का खेल शुरु कर दिया और उनके पिछलग्गू नेताओं का पार्टी पर कब्जा हो गया। पार्टी पर राहुल और उनके नौसिखिए नेताओं की मनमानी चलने लगी। इसका उदाहरण मीडिया के सामने राहुल गांधी द्वारा उस अध्यादेश को फाड़ना है जिसे केन्द्रीय कैबिनेट ने सर्वसम्मति से पारित किया था।

उन्होंने सोनिया गांधी की तारीफ करते हुए पत्र में लिखा कि आप ने पार्टी को सही और प्रभावी नेतृत्व दिया है लेकिन राहुल गांधी की बचकाना हरकतों ने प्रधानमंत्री के गरिमामयी पद को नुकसान पहुंचाया जिस वजह से वर्ष 2014 में कांग्रेस की करारी हार हुई।

गांधी परिवार पर निशाना साधते हुए आजाद ने कहा कि सोनिया गांधी के नेतृत्व और राहुल गांधी के देखरेख में वर्ष 2014 से अबतक दो लोकसभा चुनाव में पार्टी को करारी हार मिली और कांग्रेस वर्ष 2014 से वर्ष 2022 के बीच हुए 49 विधानसभा चुनावों से 39 में चुनाव हार गई।

उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के नेतृत्व में पार्टी की स्थिति और खराब हो रही है। अपने 5 पेज के लंबे पत्र में आजाद ने पार्टी पर कई तरह के और गंभीर आरोप लगाए और पार्टी से अपना 50 साल पुराना नाता तोड़ लिया।