पिथौरागढ़- परदादा गूगल पर छाए हैं और परपोता टैक्सी चला कर जीवन यापन कर रहा है। अपने परदादा को मिले सम्मान से उसकी खुशी का ठिकाना नहीं है, परंतु अपने परदादा के नाम पर खोले गए पर्वतारोहण संस्थान में वह केवल एक छोटी नौकरी की ही चाह रखता है। ताकि रोजी-रोटी चलती रहे।
महान सर्वेयर पं. नैन सिंह रावत के परिवार में उनका एकमात्र वंशज कवींद्र रावत है। जो नैन सिंह रावत का परपोता है। पिथौरागढ़ जिले के एक छोटे से कस्बे मदकोट में रहने वाले कवींद्र रावत इस समय टैक्सी चलाकर अपना जीवन-यापन करते हैं। शनिवार को अपने परदादा की जयंती पर गूगल पर मिले सम्मान से वह गदगद हैं। बोले, आज जिस स्थान पर उनका नया मकान है, वहीं पर पुराना मकान था। उनके परदादा उसी मकान में रहते थे। घर में उनकी फोटो है। उनके कार्यों के बारे में सभी लोग जानते हैं।
कवींद्र बताते हैं कि उसके परदादा के नाम पर मुनस्यारी में पर्वतारोहण संस्थान खुला है। उस संस्थान में उन्होंने अपने परदादा का हवाला देते हुए छोटी-मोटी नौकरी के लिए आवेदन किया था, लेकिन दो साल बाद भी कोई जवाब नहीं मिला। अब उन्हें आस बंधी है कि इस संस्थान में नौकरी मिल जाएगी तो दो वक्त की रोजी-रोटी का बंदोबस्त हो जाएगा।