आखिरकार बेआबरू होकर मुख्य वित्त अधिकारी को जाना पड़ेगा, शासन ने दिया निर्देश

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    ई-गवर्नेस

    आखिरकार आयुर्वेद विश्वविद्यालय के वित्त अधिकार अमित जैन को बड़े बेआबरू होकर संस्थान से जाना पड़ेगा। उन पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लगे थे।

    सचिवालय ने भी उनके आरोपों पर कड़ी टिप्पणी लिखते हुए विभागीय मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल से उनके निलंबन का आग्रह किया गया था, लेकिन विभागीय मंत्री ने उन्हें बचाने का पूरा प्रयास किया और निलंबन तो दूर उनका स्थानान्तरण भी नहीं किया, लेकिन अब अमित जैन के मामले पर शासन ने कड़ा रुख अपनाया है।

    उत्तराखंड शासन के वित्त अनुभाग छह में पत्रांक संख्या 133487 28 जून के माध्यम से अमित जैन को निदेशालय कोषागार पेंशन एवं हकदारी से संबद्ध कर दिया है। अपने आदेश में उप सचिव गजेंद्र सिंह कपलिया ने लिखा है कि उत्तराखंड वित्त सेवा संवर्ग के अधिकारी अमित जैन मुख्य वित्त अधिकारी आयुर्वेद विश्वविद्यालय देहरादून जिन पद अतिरिक्त प्रभार वरिष्ठ वित्त अधिकारी नगर निगम देहरादून भी था कि इनको तत्काल प्रभाव से वर्तमान में आवंटित समस्त पदभार से मुक्त करते हुए निदेशालय कोषागार पेंशन एवं हकदारी से अग्रिम आदेशों तक संबद्ध किया जाता है। अमित जैन को निर्देशित किया जाता है कि उक्त आदेश का अनुपालन करते हुए शासन को अवगत कराना सुनिश्चित करें। इस पत्र की प्रतिलिपि महा लेखागार, लेखा एवं हकदारी के साथ अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को भेज दी गई है।

    अमित जैन पर घपले घोटाले के आरोप लगे हैं और विश्वविद्यालय की निधि को क्षति पहुंचाने का आरोप उत्तराखंड विश्वविद्यालय कर्मचारी महासंघ ने लगाया है। उनके खिलाफ उत्तराखंड उत्तराखंड विश्वविद्यालय कर्मचारी महासंघ द्वारा अपर मुख्य सचिव वित्त को पत्र लिखकर कहा था कि उत्तराखंड आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय में अनियमितता आरोप पत्र प्राप्त वित्त अधिकारी अमित जैन को हटाया जाए। इसी पत्र में लिखा था कि जांच के दायरे में होने के बावजूद अमित को विश्वविद्यालय के उच्चाधिकारियों का पर्याप्त संरक्षण प्राप्त है, जिसके कारण यह आयुर्वेद विश्वविद्यालय की वित्तीय व्यवस्था में मनमानी करते हुए विश्वविद्यालय की निधियों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। संगठन की ओर से महामंत्री डॉ. लक्ष्मण सिंह रौतेला ने यह पत्र लिखा था और अब शासन ने निर्णय लेते हुए उन्हें निदेशालय से संबद्ध कर दिया है।