(हरिद्वार) मंत्री सतपाल महाराज और विधायक संजय गुप्ता और यतीश्वरानंद के विरोध का असर देखने को मिल रहा है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हरिद्वार के मंगलौर में खुल रहे स्लाटर हाउस पर ना कर दी है। साफ है इससे भी ज्यादा आगामी लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को मुद्दा न देना भी प्रमुख कारणों में शामिल है।
हरिद्वार के लक्सर से विधायक संजय गुप्ता अपने क्षेत्र में स्लाटर हाउस खोलने को लेकर लगातार विरोध कर रहे थे। संजय गुप्ता ने यह तक कह दिया था कि अगर स्लाटर हाउस का लाइसेंस रद्द नहीं हुआ तो वह जन आंदोलन पर उतरेंगे। संजय गुप्ता ने कहा था कि पूर्व की हरीश रावत सरकार ने हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाते हुए हरिद्वार जैसी पवित्र नगरी में स्लाटर हाउस का लाइसेंस देकर यहां की महत्वता और धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचाई थी। शुक्रवार को पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने भी स्लाटर हाउस को लेकर अपना पक्ष रखते हुए कहा था कि उत्तराखंड जैसी देवभूमि में पशुओं के साथ क्रूरता करना ठीक नहीं। यही नहीं स्लाटर हाउस को लेकर कांग्रेस को भी बैठे-बैठाए बीजेपी सरकार के खिलाफ मुद्दा मिल गया था। कांग्रेसी खेमा कहने लगा था कि त्रिवेंद्र सरकार ने बूचड़खानों के लिए 5 करोड़ के बजाय 10 करोड़ रुपए का बजट आंवटित करने का फैसला लिया है। लिहाजा, सोशल मीडिया और नेताओं की जुबानी विरोध को देखते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस मामले में अपनी चुप्पी तोड़ी। सीएम रावत ने कहा है कि पूर्व की सरकार ने जिस तरह से हरिद्वार जैसी पवित्र नगरी में स्लाटर हाउस का लाइसेंस दिया था, यह बेहद गंभीर मामला है। लिहाजा उन्होंने इस मामले का संज्ञान लेते हुए तत्काल प्रभाव से हरिद्वार के जिलाधिकारी दीपक रावत से स्लाटर हाउस को बंद करने और उसका लाइसेंस रद्द करने के आदेश जारी किए हैं।