उत्तराखंड में वनाग्नि की बढ़ती घटनाओं पर काबू पाने के लिए आपदा प्रबंधन विभाग को घटनाओं को कम करने के लिए अलर्ट कर दिया है। इसके साथ ही विभाग को वनाग्नि की रोकथाम के लिए ठोस योजना बनाने के निर्देश दिये हैं। आपदा प्रबंधन मंत्री डा. धन सिंह रावत के निर्देश पर सचिव आपदा प्रबंधन द्वारा रक्षा मंत्रालय भारत सरकार को पत्र लिखा। पत्र में आपदा सचिव ने राज्य में विकराल होती वनाग्नि को रोकने के लिए वायुसेना से दो हेलिकाॅप्टर की मांग की।
वनाग्नि घटनाओं को लेकर आपदा प्रबंधन विभाग अलर्ट : मंत्री धन सिंह
मंत्री डा. धन सिंह रावत ने बताया कि वह स्वयं वनाग्नि की घटनाओं पर स्वयं नजर बनाये हुए हैं। वनाग्नि की बढ़ती घटना को देखते हुए उन्होंने केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय से वार्ता कर यहां की स्थिति की जानकारी दी है। जिस पर गृह राज्य मंत्री ने उन्हें मदद के आश्वस्त किया।
आपदा मंत्री ने बताया कि स्वयं मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने केन्द्रीय गृह मंत्री से वार्ता की और राज्य में वनाग्नि की स्थिति से अवगत कराया। आपदा मंत्री ने बताया कि राज्य में वनाग्नि की कुल 993 घटनाएं हुई है। जिससे 1304 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है। वर्तमान में नैनीताल, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, बागेश्वर, हरिद्वार और रूद्रप्रयाग जिले ज्यादा प्रभावित हुए हैं।
वहीं, इस बात को लेकर भी सरकार को घेरा जा रहा है कि जब जंगलों में आग लगने की घटनायें हर साल होती हैं तो ऐसे में शासन और प्रशासन ने तैयारियां पहले से क्यों नही की? हर साल की तरह इस बार भी आग के कई जगहों पर बेकाबू होने और बड़ी संख्या में वन संपदा नष्ट होने के बाद अधिकारी नींद से जागे हैं। ऐसे में क्या सरकार द्वारा उठाये जा रहे कदम राज्य की वन संपदा को बचाने के लिये काफी होंगे? इस सावल का जवाब आने वाले दिनों में ही मिल सकेगा।