“हड़ताल प्रदेश” में सरकारी हड़तालियों पर प्रशासन हुआ सख्त

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हड़ताल

आये दिन उत्तराखंड में हड़ताले और धरने आम बात हो गई है। यही कारण है कि राज्य को हड़ताल प्रदेश भी कहा जाने लगा है। अब राज्य सरकार ने इन हड़तालों में शामिल होने वाले सरकारी कर्मचारियों पर सख्ती करने की तैयारी कर ली है। सोमवार को इसके संबंध में मुख्य सचिव ने सचिवालय प्रशासन और अन्य विभागों को पत्र लिख कर समय समय पर हड़ताल पर रहने वाले कर्मचारियों पर एक्शन लेने को कहा है।

इसके चलते शाम होते होते एक आदेश में सभी सरकारी कर्मचारियों को हड़ताल पर जाने की सूरत में प्रशासनिक दंड के बारे में आदेश जारी कर दिया गया। इसके मुताबिक जो सरकारी कर्मचारी हड़ताल में शामिल होंगे उन्हे :

  • “काम नहीं तो वेतन नहीं” के अनुसार वेतन नहीं दिया जाएगा। हर महीने की 24 तारीख को हड़ताल पर रहने वाले कर्मचारियों की सूची अकाउंट डिर्पाटमेंट पहुंचा दी जाएगी जिसके अनुसार हड़ताल पर रहने वाले कर्मचारियों का वेतन निश्चित किया जाएगा।
  • अगर कोई कर्मचारी रजिस्टर में एंट्री करने के बाद भी काम नहीं करता है तो उसे हड़ताल वाले कर्मचारी की श्रेणी में रखा जाएगा।
  • हड़ताल पर रहने के बाद उन दिनों को किसी तरह की छुट्टी में नहीं गिना जाएगा।
  • हड़ताल के दौरान किसी को सामान्य छुट्टी नहीं दी जाएगी केवल एमरजेंसी होने पर ही छुट्टी दी जाएगी।
  • हड़ताल के दौरान जो भी कर्मचारी अपना काम करने ऑफिस आते हैं उन्हें सुरक्षा दी जाएगी।
  • हर डिर्पाटमेंट के हेड के पास यह छूट होगी कि वह अपने अंर्तगत काम करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ जरुरी कार्यवाही करें,ऐसा ना करने पर हेड के खिलाफ भी कदम उठाया जा सकता है।

गौरतलब है कि आये दिन हड़तालों के कारण राज्यभर में न केवल सरकारी कामों पर असर पड़ता है बल्कि लोगों को भी भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में अगर प्रशासन की ये चेतावनी सरकारी कर्मचारियों को हड़ताल पर जाने से रोकने में कामयाब हो सकेगी तो सरकारी तंत्र के साथ साथ आम लोगों को भी काफी सहूलियत होगी।