सरकारी भूमि का 7.39 करोड़ मुआवजा लेना चाहता था पीआईएल कर्ता

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हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर करने वाले रामनारायन ने सरकारी जमीन का 7.39 करोड़ रुपये मुआवजा लेने की कोशिश की थी, लेकिन एसएएलओ डीपी सिंह ने उनका मुआवजा मंजूर नहीं किया था। इसी तरह कोर्ट में दूसरी याचिका करने वाले रमन फुटेला को गलत तरीके से 28 लाख मुआवजा वापस करने का नोटिस जारी किया गया था। सूत्रों की मानें तो कोर्ट में जनहित याचिका दायर करने वाले बरी गांव के रामनरायन ने खसरा संख्या 419 रकबा 0.0790 हेक्टेयर वर्ग 6 (4) खंती का 5403200 रुपये, खसरा संख्या 408 रकबा 0.0720 हेक्टेयर वर्ग चार क, खसरा संख्या 410 रकबा 0.088 हेक्टेयर वर्ग चार क, खसरा संख्या 411 रकबा 0.0848 वर्ग चार क, खसरा 468 रकबा 0.0331 हेक्टेयर, खसरा 709 रकबा 0.063 हेक्टेयर वर्ग 5 (3) अन्य बंजर का सात करोड़ 39 लाख दो हजार चार सौ रुपये का क्लेम किया था। इस मुआवजे की राशि को रोक दिया गया। इसके अलावा रमन फुटेला ने भी जनहित याचिका की है। सूत्रों की मानें तो रमन ने एसएएलओ, एसएएलओ दफ्तर के कर्मचारियों व चकबंदी अधिकारी से सांठगांठ करके 2895750 रुपये का मुआवजा हासिल कर लिया था। इसकी शिकायत मुनीश्वर दयाल ने की, जिसका संज्ञान लेते हुए रमन को नोटिस जारी करके उनसे प्रतिकर की राशि जमा करने के आदेश पारित किए गए थे।