देहरादून, राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने देश की आजादी की 72वीं वर्षगांठ व रक्षाबंधन पर्व की प्रदेश के सभी नागरिकों को बधाई देते हुए कहा कि यह दिन भारत की स्वतंत्रता के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और वीर शहीदों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का अवसर है। इस मौके पर सीमा पर शहीद हुए वीर सैनिकों तथा उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारियों को भी नमन किया है।
राज्यपाल 15 अगस्त को प्रातः 8 बजे राजभवन में किया ध्वजारोहण:
राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर अपने संदेश में कहा कि स्वतंत्र भारत के 72 वर्षों में देश ने विभिन्न क्षेत्रों में अनेक उपलब्धियां हासिल की हैं। आज भारत वर्ष विश्व की सर्वश्रेष्ठ सैन्य, वैज्ञानिक और आर्थिक महाशक्तियों में से एक है। राज्यपाल ने कहा, ‘‘परम्परागत रूप से यह पर्व हमारे उच्च सांस्कृतिक मूल्यों का परिचायक है। रक्षाबंधन भाई-बहन के बीच स्नेह, सम्मान व सुरक्षा की भावना का प्रतीक है। यह पर्व पारंपरिक रूप से महिलाओं एवं बालिकाओं की उच्च सामाजिक परिस्थिति को भी दिखाता है।”
बेबी रानी मौर्य ने कहा, ‘‘आइये! इस महान राष्ट्रीय पर्व का जश्न इस संकल्प के साथ मनायें कि हम सब एक ऐसी निष्पक्ष सामाजिक व्यवस्था के निर्माण में सहयोग करें, जिसमें समाज के सभी वर्गों को विकास का समान अवसर मिल सके। हमें अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाने से पहले देश, राज्य और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को भी समझना और निभाना होगा। हमारा यही प्रयास, स्वतंत्रता संग्राम के महान क्रान्तिकारियों और शहीदों को हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी।‘‘
उत्तराखण्ड के विकास में दे योगदान
राज्यपाल ने उत्तराखंड वासियों का आह्वान किया है कि वे भारत के विकास में अपना शत प्रतिशत योगदान दें। उत्तराखंड विकास के कई सूचकांकों में भारत के शीर्षस्थ राज्यों में से एक है। उत्तराखंड के समग्र विकास के लिए यहां के पर्वतीय क्षेत्रों के चहुंमुखी विकास पर ध्यान दिया जा रहा है। शिक्षा, कृषि और स्वास्थ्य के क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं की मजबूती से आर्थिक विकास जुड़ा हुआ है और इसके द्वारा दूरस्थ पर्वतीय गांवों की तस्वीर और तकदीर में सुखद बदलाव लाया जा सकता है।
उच्च शिक्षा को रोजगार परक बनाना जरूरी
उत्तराखंड राज्य अपनी स्कूली शिक्षा के लिए जाना जाता रहा है। उत्तराखण्ड की उच्च शिक्षा को भी उसी स्तर तक पहुंचाने की जरूरत है। राज्य के विश्वविद्यालयों को मौलिक विश्व स्तरीय शोध के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। उच्च शिक्षा के पाठ्यक्रमों को रोजगारपरक बनाना भी आवश्यक है इसलिए यूनिवर्सिटी और इंडस्ट्री के मध्य संवाद को भी प्रोत्साहित किया जाना जरूरी है।
जैविक कृषि को बढ़ावा देना आवश्यक
हमें कौशल विकास पर विशेष ध्यान देना है ताकि नौजवानों के लिए कोई अभाव न रहे। कृषि क्षेत्र में, फलों और फूलों की खेती तथा नकदी फसलों के विकास की दिशा में और अधिक ध्यान केंद्रित करना है। उत्तराखण्ड में जैविक कृषि को बढ़ावा देना आवश्यक है।
समाज उत्थान के लिए महिलाओं का सशक्त होना जरूरी
राज्यपाल ने कहा कि किसी भी प्रगतिशील राष्ट्र एवं समाज के लिए महिलाओं का पुरुषों के समान सशक्त होना जरूरी है। इतिहास गवाह है कि देश की आजादी से लेकर उसके विकास में महिलाओं का बराबर का योगदान रहा है। उत्तराखण्ड के परिपे्रक्ष्य में यह बात विशेष रूप से उल्लेखनीय है।