किसानों को उपज का उचित मूल्य दिलाना सुनिश्चित कराना होगा : राज्यपाल

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    उत्तराखंड के राज्यपाल डाॅ. कृष्ण कांत पाल ने कहा कि कृषि-शिक्षा, कृषि-अनुसंधान के साथ ही कृषि उत्पादों के भण्डारण व विपणन पर फोकस किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि खेती को लाभकारी बनाने के लिए किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाना सुनिश्चित कराना होगा।
    राज्यपाल शनिवार को किसानों को खेती के प्रति और अधिक आत्मनिर्भर करने के लिए भारत सरकार द्वारा संचालित योजना न्यू इंडिया मंथन-सकंल्प से सिद्धि कार्यक्रम में लोगों को संबोधित कर रहे थे। किसान भवन लाडपुर में आयोजित कार्यक्रम में प्रदेश के कृषि मंत्री सुबोध उनियाल सहित प्रदेश के कई किसानों एवं वैज्ञानिकों तथा सम्बन्धित अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
    राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखंड में पलायन को रोकने के लिए पर्वतीय क्षेत्रों में सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के साथ ही ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करना होगा। इसलिए उत्तराखंड के संदर्भ में कृषि, हाॅर्टीकल्चर, पशुपालन, मत्स्य पालन व कृषि से जुड़ी अन्य गतिविधियों का महत्व और भी बढ़ जाता है। किसानों के कल्याण के लिए भारत सरकार व राज्य सरकारों के साथ ही सभी संबंधित संस्थाओं को भी सक्रिय भागीदारी निभानी होगी।
    इस अवसर पर किसानों को सम्बोधित करते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किसानों की आय को 2022 तक दोगुनी करने के लिए कई कार्ययोजना तैयार की गयी हैं। जिसके तहत न्यू इंडिया मंथन-सकंल्प सिद्धि कार्यक्रम आयोजित किया गया है। जिसके सफल क्रियान्वयन के लिए किसानों की स्मृद्धि एवं खुशहाली के लिए संकल्प लेना है कि हमें 2022 तक किसानों की आमदनी को दोगुना करना है। उन्होंने कहा कि देश की आत्मा गांव में बसती है जिसके लिए किसानों के नई तकनीक के ऐसे उत्पाद पैदा करें, जिससे की उनकी पैदावार ठीक ढंग से हो, इसके लिए उन्होंने सभी अधिकारियों एवं वैज्ञानिकों को निर्देश दिए हैं कि हमें किसानों को गुणवत्तायुक्त बीज समय से उपलब्ध कराना है तथा बेहतर खाद भी उपलब्ध कराना है।
    उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों की विषम भौगोलिक परिस्थितयों को मद्देनजर रखते हुए उस तरह कार्ययोजना तैयार करें तथा पर्वतीय क्षेत्र से हो रहे पलायन को रोकना होगा। लोगों का कृषि से लगाव कम हो रहा है एवं मनरेगा से अपनी आजीविका चला रहे हैं जो कि एक चिंता का विषय है। इसके लिए पर्वतीय क्षेत्रों के निवासियों को खेती के प्रति जागरूक करने के लिए सभी वैज्ञानिकों को इस पर गम्भीरता से कार्य करना है। उन्होंंने कहा कि प्रदेश के किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार प्रयासरत है, जिसके लिए 1 लाख तक के ऋण पर 2 प्रतिशत् ब्याज पर मुहैया कराया जा रहा है।
    उन्होंने कहा कि हम किसानों के हित के लिए आंशिक रूप से चकबंदी भी देने जा रहे हैं जिसके लिए नया कानून लाया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि हम नर्सरी एक्ट को भी लागू करने जा रहे हैं जिसमें गलत पौध देने वाले के विरूद्ध उचित कार्रवाई की जाएगी। इसमें अच्छे उत्पाद के पौधे ही उपलब्ध कराए जाएंगे जिससे उत्पाद अच्छे होने पर किसानों की आमदनी बढ़ेगी।
    उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में जड़ी बूटी के क्षेत्र में अपार सम्भावना है जिसके लिए सरकार द्वारा अटल हर्बल मिशन योजना तैयार की गयी है। जिसकी शुरूआत जनपद टिहरी के घंसाली से की गयी है। उन्होंने कहा कि प्रगति में बाधा के रूप में भ्रष्टाचार मूल जड़ है। जिसे खत्म करने की सबकी जिम्मेदारी है। उन्होेंने कहा कि सभी को जागरूक होने की आवश्यकता है।
    उन्होंने पर्वतीय क्षेत्रों में भू-कटाव को रोकने के लिए लेमन ग्रास लगाने का भी सुझाव दिया है। इससे जंगली जानवरों/सुअरों से भी रक्षा होगी एवं लेमन घास उगाने से आमदनी बढ़ेगी तथा जंगली जानवर इसे नुकसान नही पंहुचाएंगे। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा कृषि के क्षेत्र में 84 करोड़ का बजट प्राप्त हुआ है जिससे कि कृषि के क्षेत्र में रोजगार की कई योजनाएं संचालित की जाएंगी।