लगभग 49 सालों से अर्थ डे नेटवर्क अंतरराष्ट्रीय एनजीओपर्यावरण आंदोलन को आगे ले जाने के लिए कुछ 190 देशों में 50,000 से अधिक संगठनों में काम कर चुका है। अब यह संगठन भारत आ रहा है, और सबसे पहले उत्तराखंड जहां, द-ग्रेट-ग्लोबल-क्लीन-अप अभियान की शुरुआत होगी ।
अर्थ डे नेटवर्क इंडिया की डेप्यूटी डायरेक्टर करुणा सिंह ने कहा कि, “गंगा नदी के 2,510 किलोमीटर के रास्ते – देवप्रयाग से सुंदरबन तक के लिए विशेष रूप से तैयार किए गए कार्यक्रमों की योजना बनाई गई है।यह एक आम आदमी का अभियान है जिसमें लोगों का आंदोलन का हिस्सा बनना और गंगा को स्वच्छ रखना उन्ही के लिए फायदेमंद है।”
वाशिंगटन डे नेटवर्क के अध्यक्ष कैथलीन रोजर्स ने कहा, “गंगा को साफ करने की यह पहल दुनिया भर में कई और देशों और समुदायों के लिए एक बड़ी शुरुआत के रूप में काम करेगी। जैसा कि हम पृथ्वी दिवस 2020 की ओर देखते हैं, हम इस ऐतिहासिक आंदोलन की 50 वीं वर्षगांठ पर बहुत सारे इवेंट्स का आयोजन करेंगे।”
13 अप्रैल को, पर्यावरण के लिए सभी क्षेत्रों के लोगों के लिए जो लोग पर्यावरण संरक्षण में लगे हुए है उनके लिए एक शुरुआत होगी, क्योंकि स्वच्छ नदी गंगा अभियान का औपचारिक उद्घाटन दोपहर के साढे बारह बजे हेस्को के प्रसद्धि पर्यावरणविद अनिल जोशी द्वारा देवप्रयाग, उत्तराखंड में किया जाएगा।
लोक प्रियदर्शन संस्था के अध्यक्ष श्याम लाल भाई और ऑन-द-ग्राउंड पार्टनर कहते हैं कि, “आने वाले इस कार्यक्रम के पहले से ही बहुत से लोग इसमें रुचि दिखा रहें है।“
अगले नौ दिनों में, हरिद्वार में रैलियों और अलग-अलग अभियानों का आयोजन किया जाएगा। कई स्थानीय लोगों, संतों और शैक्षणिक संस्थानों ने गंगा के किनारे कचरा इकट्ठा करने का संकल्प लिया है। इकट्ठा किए हुए कचरे को सही तरीके से निपटान के लिए नगर निगमों को सौंप दिया जाएगा। 105 किलोमीटर का मार्ग, लोक प्रियवर्ण शिक्षा संस्थान (LPSS) के स्वयंसेवक लोगों को प्लास्टिक और नॉन-बायोडिग्रेडेबल कचरे के के खतरों को समझने में मदद करने के लिए सत्र आयोजित करेंगे, जैसे कि प्लास्टिक और मानव को होने वाला नुकसान, पशु स्वास्थ्य और प्रजातियों पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभाव के साथ ही गंगा के पानी में पनपने वाले कचड़े का नुकसान।
21 अप्रैल, 2019 को हरकी पौड़ी, हरिद्वार, जहां एक सार्वजनिक संवाद के साथ रैली का समापन शाम 4.00 बजे होगा।
यदि आप इस रैली का हिस्सा बनना चाहते हैं तो इस रूट-चार्ट का पालन करें:
- 13 अप्रैल – देवप्रयाग संगम से गुल्लार संगम, टिहरी गढ़वाल
- 14 अप्रैल – शिवपुरी से ब्रह्मपुरी, टिहरी गढ़वाल
- 15 अप्रैल – लक्ष्मण झूला से सच्चा धाम आश्रम
- 17 अप्रैल – पूर्णानंद घाट से राम झूला परमार्थ निकेतन
- 19 अप्रैल – हनुमान मंदिर से त्रिवेणी घाट, ऋषिकेश
- 20 अप्रैल – कनखल, हरिद्वार
- 21 अप्रैल – चंडी घाट से हरकी पौड़ी, हरिद्वार