नई दिल्ली। पटाखों पर पाबंदी लगाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए दायर तमिलनाडु सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि ग्रीन पटाखों के इस्तेमाल का उसका आदेश दिल्ली एनसीआर के लिए है, दूसरे राज्यों के लिए नहीं। कोर्ट ने पटाखों के इस्तेमाल की समयावधि को बढ़ाने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि पटाखों का इस्तेमाल एक दिन में दो घंटे से ज्यादा नहीं बढ़ाया जाएगा। राज्य सरकारें समय नहीं बढ़ा सकती हैं, वे पटाखों के इस्तेमाल के लिए शेड्यूल बदल सकती हैं लेकिन दो घंटे से ज्यादा पटाखों के इस्तेमाल की इजाजत नहीं दे सकती हैं। सुनवाई के दौरान जस्टिस एके सिकरी ने कहा कि प्रदूषण की वजह से मैंने सुबह टहलना छोड़ दिया है।
तमिलनाडु सरकार ने अपनी याचिका में कहा था कि पटाखों का इस्तेमाल सुबह 4 बजे से सुबह 6 बजे तक करने की इजाजत दी जाए। सुप्रीम कोर्ट ने रात 8 बजे से 10 बजे तक पटाखों के इस्तेमाल की अनुमति दी है।
पिछले 23 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों की बिक्री पर पूरी तरीके से पाबंदी लगाने से इनकार करते हुए केवल ग्रीन पटाखों की बिक्री और उत्पादन की अनुमति दी जिससे प्रदूषण कम होता है। सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों के ऑनलाइन बिक्री पर रोक लगाई है। कोर्ट ने ई-कॉमर्स पोर्टल अमेजन और फ्लिपकार्ट को पटाखे बेचने पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि धार्मिक आयोजनों और शादी समारोहों में प्रतिबंधित केमिकल वाले पटाखों का इस्तेमाल नहीं करें। केवल उन्हीं पटाखों के इस्तेमाल की अनुमति होगी जिनकी आवाज की डेसिबल सीमित है।
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि धार्मिक आयोजनों और शादी समारोहों में प्रतिबंधित केमिकल वाले पटाखों का इस्तेमाल नहीं करें। केवल उन्हीं पटाखों के इस्तेमाल की अनुमति होगी जिनकी आवाज की डेसिबल सीमित है। कोर्ट ने कहा है कि दीपावली जैसे त्योहारों पर रात 8 बजे से 10 बजे तक ही पटाखों के इस्तेमाल की अनुमति होगी। इसके साथ ही क्रिसमस और न्यू ईयर पर रात 11 बजकर 55 मिनट से लेकर रात 12 बजकर 30 मिनट तक ही पटाखे चला सकेंगे।