जीएसटी लागू करने वाली सरकार को दोबारा मिली सत्ता

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GST reinstated government again in power
File Photo
नई दिल्ली। आखिरकार इंतजार की घड़ी खत्म हो गई है। आम चुनाव 2019 के अधिकांश नतीजे घोषित हो गए हैं। नतीजों के बाद यह साफ हो गया है कि देश में मोदी मैजिक कायम है। इस बार मोदी लहर नहीं सुनामी चली, जिसमें विपक्ष बह गया। भाजपा ने अपने दम पर बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है।
भाजपा के इस एतिहासिक जीत पर विशेषज्ञों का कहना है कि दुनिया में पहली बार ऐसा हुआ है जब जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) लागू करने वाली सरकार को दूसरी बार सत्ता मिली है। दरअसल यहां ‘मोदी है तो मुमकिन है’ पूरी तरह से चरितार्थ हुआ है।
सही साबित हुआ ‘अबकी बार 300 पार’ का नारा
भाजपा ने 542 में से 298 सीटें जीत ली हैं और पांच पर वह आगे चल रही है। इस तरह अकेले भाजपा के खाते में 303 सीटें आ रही हैं। उधर, कांग्रेस ने 52 सीटों पर दर्ज की है। वहीं कई राज्यों जैसे दिल्ली, हिमाचल, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, मुंबई सहित कई राज्यों में कांग्रेस अपना खाता भी नहीं खोल पाई है। ये मोदी के दिए गए नारे अबकी बार 300 पार का नारा सही साबित हुआ।
दुनिया के अन्‍य देश मलेशिया, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया में जीएसटी लॉन्च करने वाली सरकारों को सत्ता गंवानी पड़ी थी। इन देशों में जीएसटी लागू होने के बाद वस्तुएं और सेवाएं काफी महंगी हो गई थीं, इसलिए लोगों में गुस्सा था।
एक प्रमुख जीएसटी कंसल्टेंट का कहना है कि अन्य देशों में जीएसटी लागू करने वाली सरकारों ने वादा किया था कि नए कानून से होने वाली दिक्कतें एक साल में दूर कर दी जाएंगी लेकिन वहां जीएसटी लागू होने और चुनाव होने के बीच एक साल का समय नहीं था। जबकि,  भारत में दो साल का फर्क रहा।
देश में जारी है जीएसटी सुधार की प्रक्रिया
मोदी सरकार ने एक जुलाई,2017 को देश में जीएसटी लागू किया था। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इसे गब्बर सिंह टैक्स बताया था। जीएसटी लागू हुआ तब 226 वस्तुएं-सेवाएं 28 फीसदी टैक्स के दायरे में थीं, अब सिर्फ 28 बची हैं। जीएसटी में सुधार की प्रक्रिया जारी है। जीएसटी लागू होने से अब तक सरकार को 4 बार एक लाख करोड़ रुपये या इससे ज्यादा का जीएसटी कलेक्शन मिला है। बीते वित्तीय साल में मासिक औसत कलेक्शन 98,114 करोड़ रुपये रहा।