जिले में बारिश व बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए अब जिलाधिकारी ने सख्त रुख अख्तियार किया है। जिलाधिकारी ने सभी तहसीलों के उपजिलाधिकारियों व तहसीलदारों को चेताया कि उनके तहसील क्षेत्र में बाढ़ व आपदा से निपटने में लापरवाही साबित हुई तो प्रतिकूल प्रविष्टि देंगे।
जिलाधिकारी दीपक रावत ने बताया कि आपदा से निपटने के लिए धन की कमी कतई आड़े नहीं आएगी। बारिश से संपत्ति के नुकसान पर दोबारा निर्माण के लिए तत्काल धनराशि दी जाएगी। प्राथमिक स्कूल व आंगनबाड़ी केंद्रों की छत गिरने पर डेढ़-डेढ़ लाख, एक किलोमीटर तक की सड़क मरम्मत के लिए एक लाख रुपये तत्काल दिए जाएंगे। आपदा से निपटने के लिए सभी तहसीलों में इंतजाम किए हैं। जहां भी उपकरणों की कमी होगी, वहां के उपजिलाधिकारी तीन लाख रुपये तक की खरीददारी बगैर टेंडर निकाले सीधे बाजार से क्रय कर कंट्रोल रूम या बाढ़ चौकी पर रखवा सकते हैं। किसी भी स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन के पास दो करोड़ रुपये हैं। बाद में धन के खर्च करने का सत्यापन भी कराया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इसके बाद भी आपदा से निपटने में लापरवाही हुई तो संबंधित को बख्शेंगे नहीं।उन्होंने कहा कि हम खुद बाढ़ चौकियों का निरीक्षण करेंगे, किसी के अकारण अनुपस्थित रहने पर उस पर कार्रवाई होगी। उन्होंने बताया कि जहां भी सड़क टूटी होने या गढ्ढे होने से दुर्घटना में जनधन हानि हुई तो संबंधित विभाग के जिम्मेदार के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज कराएंगे।