गुरुवार को तीर्थनगरी हरिद्वार में हुई मूसलाधार बारिश के कारण शहर जलमग्न हो गया। करीब डेढ़ घंटे की बारिश के कारण कई दुकानों व घरों में पानी घुस गया। बारिश और जलभराव के कारण कई स्थानों पर जाम लग गया।
गुरुवार को तीर्थनगरी में बादल जमकर बरसे। प्रातः करीब सात बजे आरम्भ हुई बारिश से सम्पूर्ण तीर्थनगरी में जलभराव हो गया।। शहर की कोई ऐसी सड़क व गली नहीं बची, जहां जलभराव न हुआ हो। उपनगरी ज्वालापुर, मध्य हरिद्वार, उत्तरी हरिद्वार व ज्वालापुर के कई इलाकों में भारी जल भराव के कारण कई घरों व दुकानों में पानी घुसने से लोगों का काफी नुकसान हुआ। मध्य हरिद्वार के रानीपुर मोड़ पर हर बार की तरह इस बार भी भारी जलभराव देखने को मिला। रानीपुर मोड़ पर करीब पांच फुट के लगभग जलभराव होने से कई यहां यातायात बाधित रहा। वहीं, गोविन्दपुरी में भी कई घरों में पानी घुस गया। ऐसा ही कुछ हाल उत्तरी हरिद्वार में भी देखने को मिला। यहां भी कई कालोनियों व आश्रमों में बरसात का पानी घुसने से लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। रानीपुर मोड़ पर जल निकासी के लिए लगाए गए पम्पिंगसेट भी किसी काम न आए। बरसात के कारण ड्यूटी पर जाने वाले लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। सबसे अधिक समस्या सिडकुल व भेल जाने वालों को हुई। जहां रानीपुर मोड़ पर जलभराव के कारण वह सिडकुल व भेल क्षेत्र में नहीं जा सके। बरसात बंद होने बाद लोग जब घरों से काम के लिए निकले तो सड़कों पर जलभराव के कारण उनको समस्याओं से दो-चार होना पड़ा।
वहीं, प्रदेश के पर्वतीय इलाकों में हो रही बारिश और तीर्थनगरी में हुई मूसलाधार बारिश के कारण गंगा का जलस्तर भी बढ़ गया। राजमार्ग निर्माण के कारण भी लोगों की समस्या में इजाफा हुआ। जहां भराव के लिए डाली गई मिट्टी सड़कों पर बरसात के कारण बह आई, जिस कारण सड़कों पर कीचड़ होने से वाहन चलाने में लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। बहराल काफी दिनों से ऐसी बरसात की उम्मीद लगाए बैठे तीर्थनगरी के बाशिंदों को गुरुवार को हुई मूसलाधार बारिश के कारण खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा।