केदारनाथ में बाबा का आशीर्वाद लेने गये हरदा कैसे बने बंधक

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सरकार को आईना दिखाने और केदारपुरी के निर्माण कार्यों को लेकर केदारनाथ यात्रा पर निकले पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को मौसम ने बंधक बना लिया है। गौरतलब है कि भारी बारिश और बर्फबारी के चलते पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत केदारनाथ धाम में फंस गए हैं। इस खराब मौसम के कारण ना हेलीकाप्टर उड़ान भर पा रहा है और ना ही वापसी का पैदल मार्ग सुरक्षित है।

फिलहाल मौसम के साफ होने का इंतजार किया जा रहा है। केदारनाथ में पूर्व सीएम हरीश रावत के साथ सांसद प्रदीप टम्टा और विधायक मनोज रावत भी फंस गए हैं। मौसम विभाग की चेतावनी को देखते हुए प्रशासन ने केदारनाथ जाने वाले यात्रियों को सोनप्रयाग व गौरीकुंड में रोक दिया है।

केदारनाथ में लगातार बारिश और बर्फबारी के चलते तीन ईंच से अधिक बर्फ जम गई है। सोमवार को केदारनाथ में पूरे दिन ही मौसम का मिजाज बिगड़ा रहा। सुबह 10 बजे के बाद शुरू हुई बारिश और बर्फबारी करीब साढ़े पांच घंटे तक जारी रही। मौसम खराब होने बावजूद बाबा केदार के भक्तों के उत्साह में कमी नहीं आई। श्रद्धालु बरसाती ओढ़कर अपनी बारी का इंतजार करते रहे। वहीं खराब मौसम के चलते केदारनाथ के लिए संचालित हेलीकॉप्टर सेवा भी साढ़े पांच घंटे प्रभावित रही। प्रात: छह बजे से गुप्तकाशी, फाटा व शेरसी हेलीपैड से सात हेली कंपनियों के हेलीकॉप्टर धाम के लिए उड़ान भरने लग गए थे, लेकिन 10 से दोपहर बाद 3.30 बजे तक खराब मौसम के कारण हेली सेवा बंद रही।

आप को बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सोमवार शाम पैदल मार्ग से केदारनाथ धाम पहुंच बाबा केदारनाथ के दर्शन किए। दर्शन से पूर्व केदारनाथ धाम के पंडा समाज एवं व्यापारियों से पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा चर्चा की गई। केदारनाथ धाम के व्यापारी और पांडा समाज ने उनसे लेजर शो में केदारनाथ मंदिर को पर्दे के रूप में उपयोग कर मोदी सरकार का प्रचार करने पर सरकार की निंदा की तथा केदारनाथ धाम में गुजरात सरकार के पोस्टर लगे होने पर पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा अचंभा व्यक्त किया गया। केदारनाथ मंदिर को जाने वाला पैदल मार्ग को चौड़ीकरण कर वहां से स्थानीय व्यापारियों की दुकानें हटाई गई उससे भी वहां के व्यापारियों की नाराजगी है|

वहीं पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि बड़ी संख्या में पहुंच रहे तीर्थ यात्रियों के लिए शौचालय की व्यवस्था नहीं है जिस कारण केदारनाथ धाम में गंदगी का अंबार लगा हुआ है और ना ही घोड़े खच्चर वालों के लिए कोई खास व्यवस्था की गई है|