मंत्री जी की विधानसभा में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल

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Worst Health Facilities in hospital
Hospital

ऊधम सिंह नगर जिले के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की भारी कमी है वही जिले के दिनेशपुर में हजारों मरीजो की स्वास्थ्य की देखभाल मात्र एक डॉक्टर के भरोसे है। और अस्पताल में दवाइयों की भी कमी है जिससे मरीजो को दवाई लेने के लिये बाहर का रूख करना पड़ता है।

कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडेय की विधानसभा में ही स्वास्थ सेवाओ का ये हाल है। दिनेशपुर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जहाँ एकमात्र डॉक्टर के सहारे चल रहे अस्पताल में मरीजो को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है और वो डॉक्टर भी अगर छुट्टी पर चला जाता है तो मरीज सहित तीमारदारों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। गर्मी के इस मौसम में दूर दराज से आने वाले सैकड़ों मरीज प्रतिदिन अस्पताल में धक्के खाके और ज्यादा बीमार हो रहे है। हजारों लोगों की स्वास्थ्य सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाले डॉक्टर भी समय से अस्पताल में नहीं बैठ रहे हैं। जिसके चलते क्षेत्रवासियों ने स्वास्थ्य महकमे के खिलाफ आक्रोश जाहिर करते हुए आरोप लगाया कि वर्तमान में तैनात चिकित्सक का व्यवहार कतई ठीक नहीं है, वह मरीजों को ढंग से नहीं देखते हैं और उन से दुर्व्यवहार करते हैं। इस दौरान मरीजो ने कहा कि करीब 3 दर्जन मरीज सुबह स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे लेकिन वहां पर पता चला चिकित्सक नहीं है पर्ची बनाने वाले एक वार्ड ब्वॉय ने करीब 40 मरीजों को पर्ची बना कर बैठा दिया और बताया कि चिकित्सक अभी पहुंचने वाले हैं। उधर अस्पताल स्तर से जब जानकारी ली गई तो उनका कहना था कि चिकित्सा अधिकारी गदरपुर में किसी काम से गए हैं। जिस कारण किसी भी मरीज का इलाज नहीं हुआ।
बतादे की दिनेशपुर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पहले दो चिकित्सक तैनात थे। लेकिन कुछ दिनों पहले एक चिकित्सक का तबादला कर दिया गया। लेकिन उनके जाने के बाद अभी तक किसी चिकित्सक की तैनाती यहां पर नहीं हुई जबकि मरीजों की संख्या में पहले से इजाफा हो गया है। हजारों मरीजों की स्वास्थ्य का जिम्मा एकमात्र चिकित्सक पर आ गया है वह भी समय से अस्पताल में नहीं बैठ रहे हैं। क्षेत्रवासियों ने सरकार से स्वास्थ्य महकमे से व्यवस्था में सुधार लाने की गुहार लगाई है

वही ऊधम सिंह नगर की मुख्य चिकित्सा अधिकारी शैलजा भट्ट ने भी मना की जिले में डॉक्टरों की भारी कमी है खासकर दिनेशपुर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक डॉक्टर ही तैनात है। शासन को हर माह रिपोर्ट भेजी जाती है जल्द ही नये डॉक्टरों के तैनाती की उम्मीद है।