उत्तराखंड में गर्मी का असर लगातार बना हुआ है। राज्य स्वास्थ्य विभाग ने आने वाले दिनों में बढ़ते तापमान को देखते हुए प्रदेश में हीट वेव का अलर्ट जारी कर दिया गया है। स्वास्थ्य सचिव ने हीट वेव को लेकर विस्तृत एडवाइजरी जारी की है। गर्मी से सम्बन्धित बीमारियों से बढ़ते खतरे से निपटने एवं बचाव के लिये सभी जिला अधिकारियों एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किये हैं। समस्त चिकित्सा इकाइयों पर आवश्यक दवाइयों, आईवी फ्लूडस, आईस पैक,ओआरएस और सभी आवश्यक उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चिता करने को कहा गया है।
स्वास्थ्य सचिव डॉ.आर. राजेश कुमार की ओर से राज्य में आगामी महीनों में गर्मी के मौसम (हीट वेव) को ध्यान में रखते आवश्यक निर्देश जारी किए गए हैं। स्वास्थ्य सचिव ने कहा हीट वेव से सम्बन्धित बीमारियों के लक्षणों की शीघ्र पहचान, निगरानी एवं रिर्पाेटिंग हेतु चिकित्सा अधिकारियों को नियमित प्रशिक्षण प्रदान करना। सभी चिकित्सा इकाइयों पर ठण्डे पीने के पानी की उपलब्धता प्रदान करना,एवं कुलिग उपकरणों के निर्बाद्व काम-काज को सुनिश्चित करने को निर्देशित किया गया है। इसके साथ ही समस्त चिकित्सा इकाइयों मे कुलिंग एम्पलायन्सिस हेतु निर्बाद्व बिजली की व्यवस्था,ठंडी/हरित छत, खिड़कियों के परदे आदि का प्रबन्धन करने को कहा गया है। राज्य की सभी चिकित्सा इकाइयों में रेन वाटर हारवेस्टिंग एवं वाटर रिसाईक्लिंग के लिए आवश्यक कार्रवाई करने को कहा गया है।
आईएच.आई.पी. पोर्टल पर होगी डेली अपडेट-
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने कहा गर्मियों से सम्बन्धित बीमारियों की रोकथाम एवं नियन्त्रण उपायो के सम्बन्ध में आम जनमानस के मध्य निरन्तर जागरूकता अभियान संचालित करना। स्वास्थ्य सचिव ने कहा गर्मी से सम्बन्धित बिमारियों से होने वाली मृत्यों का डेथ ऑडिट करना एवं राज्य मुख्यालय को रिपोर्ट करने के निर्देश दिये गये हैं। आई.एच.आई.पी. पोर्टल पर जिला रिपोर्टिंग इकाइयों द्वारा गर्मी से सम्बन्धित बीमारियों की दैनिक रिर्पाेटिग सुनिशिचित करने को कहा गया है।
नियमित रूप से खुद को रखें हाइड्रेट-
स्वास्थ्य सचिव ने अत्यधिक गर्मी से बचने के उपायों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि गर्मी जानलेवा भी हो सकती है, इसलिए एहतियात बरतना बहुत जरूरी है। गर्मी लगने से व्यक्ति में अत्यधिक थकान, कमजोरी, चक्कर आना, सिर दर्द,जी मिचलाना,शरीर में ऐंठन, तेज धड़कन, भ्रम की स्थिति आदि लक्षण दिखने लगते हैं। इसके लिए जरूरी है कि खूब पानी पीएं, प्यास न लगी हो तब भी पानी पीते रहें। अपने साथ पीने का पानी लेकर चले,एवं यात्रा के दौरान पानी पीते रहे। ओआरएस और घर पर बने पेय पदार्थ जैसे शिकंजी, नारियल पानी, छांछ का उपयोग करे।
गर्मियों में धूप में निकलने से पहले हल्के रंग के कपड़े पहने और अपना सिर ढक कर रखे। घूप से बचने के लिये चश्मा, टोपी एवे छाते का प्रयोग करें। जितना सम्भव हो घर के अन्दर या छायादार स्थानों पर रहने की कोशिश करें। हल्के रंग और ढीले-ढाले सूती कपड़े पहनें। मादक और कैफीनयुक्त पेय पदार्थों के साथ-साथ शर्करा युक्त पेय पदार्थों से बचें। बच्चों, बुजुर्ग व्यक्तियों, बाहरी कर्मचारियों और पहले से किसी स्वास्थ्य समस्या वाले लोगों पर कड़ी नजर रखें। बच्चों या पालतू जानवरों को पार्क किए गए वाहन में बंद न छोड़ें।बाहरी गतिविधियों को दिन के ठंडे समय तक सीमित रखें। अत्यधिक गर्मी के घंटों के दौरान सख्त शारीरिक गतिविधि से बचें।
गर्मियो में क्या न करें-
उच्च प्रोटीन प्रदाथो का सेवन सीमित करे और बासी भोजन करने से बचें। दोपहर में थकने वाली बाहरी गतिविधियों एवं जरूरी न होने पर दोपहर को घर से बाहर निकलने से बचें। खुद भी जागरूक रहें और अपने आस पास के लोगों को भी जागरूक करें।