भारी बर्फबारी के कारण टिम्मरसैण महादेव यात्रा का आगाज बुधवार को नहीं हो सका। श्रद्धालुओं की मेजबानी के लिए पंहुचे ग्रामीण भी बर्फबारी मे फंस गए। बीआरओ सड़क से बर्फ हटाने का काम मे जुटा हुआ है। बदरीनाथ धाम भी बर्फ से पट गया है। अचानक मौसम के करवट लेने से इलाके में कड़ाके की ठंड शुरू हो गई ।
जिला प्रशासन ने बाबा बर्फानी टिम्मरसैण महादेव की यात्रा की तारीख 7 अप्रैल तय की थी। मंगलवार रात मौसम के करवट लेने से जिला व तहसील प्रशासन की सारी तैयारियां धरी रह गईं। समूची नीती घाटी बर्फ की सफेद चादर से ढक गई है। बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए पंहुचने वाले श्रद्धालुओं की मेहमाननवाजी के लिए नीती घाटी के गमशाली, फरकिया आदि गांवों मे पंहुचे लोग भी बर्फबारी में फंस गए हैं।
सीमांत गांव फरकिया के पूर्व प्रधान बलबीर सिंह और गमशाली गांव की पूर्व प्रधान रुकमणी देवी ने अपने गांवों हुई बर्फबारी का वीडियो भेजकर कहा है कि रात 12 बजे से हो रही तेज बर्फबारी के कारण सड़क बंद हो गई है। वह भी यहां फंस गए हैं।
जोशीमठ की उप जिलाधिकारी कुमकुम जोशी ने बताया कि यात्रा के लिए हमने पूरी तैयारी की थी। मेडिकल टीम और एसडीआरएफ को मौके पर तैनात किया गया है। सड़क से बर्फ हटाई जा रही है। वह भी पर्यटन अधिकारी के साथ नीती घाटी पंहुच रही हैं।
टिम्मरसैण महादेव उत्तराखंड हिमालय का ऐसा शिव तीर्थ है जिसे उत्तराखंड के शैव सर्किट में प्रमुखता से स्थान मिला है। बदरीनाथ के विधायक महेन्द्र भट्ट ने मार्ग खुलने पर लोगों से नीती घाटी में बाबा बर्फानी के दर्शनों को पंहुचने का आह्वान किया है।