हाईकोर्ट की निगरानी में हो एनएच घोटाले की जांचः हरीश रावत

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रुद्रपुर, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि एनएच 74 मुआवजा घोटाले की एसआईटी जांच हाईकोर्ट की निगरानी में कराई जानी चाहिए। कहा कि एनएचएआई के अफसरों को जांच के दायरे से बाहर रखना सवाल खड़े कर रहा है। श्री रावत ने कहा कि उन्होंने ही मुख्यमंत्री रहते कमिश्नर को मौखिक रूप से एनएच घोटाले की जांच के निर्देश दिए थे तथा जांच को एसआईटी का गठन किया था।

पूर्व मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि वह एसआईटी पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते, लेकिन इतना जरूर चाहते हैं कि एसआईटी की जांच हाईकोर्ट की निगरानी में हो। कहा कि जिस तरह एनएचएआई के अफसरों को जांच के दायरे से बाहर रखा जा रहा है, उससे यह आशंका है कि एसआईटी पर राजनीतिक दबाव आ सकता है। कहा कि जिन पर अपने माल की रखवाली का दायित्व था और जिनका माल लुटता रहा और उन्हें जांच के दायरे से बाहर कैसे कर दिया गया?

कहा कि एसआईटी की जांच मात्र कुछ किलोमीटर तक ही सिमट कर रह गई है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सीबीआई जांच की मांग मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने की थी और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने जांच रोकी। मुख्यमंत्री बताएं कि सीबीआई जांच क्यों नहीं हुई। उन्हें तो सीबीआई की जांच पर न भरोसा था और न है। वह तो हाईकोर्ट की निगरानी में जांच चाहते हैं ताकि वास्तविक दोषियों पर कार्रवाई हो। श्री रावत ने कहा कि कांग्रेस के जिस एकाउंट की बात की जा रही है एसआईटी उसकी भी जांच कर ले। उसमें 80 फीसदी लेन देन तो उत्तराखंड से बाहर का है