देहरादून। उत्तराखंड हाईकोर्ट के दून स्थित फ्लाई ओवरों की स्थिति पर जवाब तलब करने पर पीडब्ल्यूडी के अधिकारी असहज हो गए हैं। अधिकारियों की चिंता बल्लीवाला फ्लाई ओवर को लेकर ज्यादा है क्योंकि इस पर डेढ़ साल में हुई सड़क दुर्घटनाओं में आठ लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 50 से अधिक लोग घायल हुए।
हाईकोर्ट ने गुरुवार को जिस याचिका की सुनवाई करते हुए फ्लाई ओवरों के बारे में जवाब तलब किया है उसमें कहा गया है कि बल्लीवाला फ्लाई ओवर नियमों के विपरीत फोर लेन की जगह टू लेन बनाया गया है। इसी कारण हादसे हो रहे हैं।
पीडब्ल्यूडी मुख्यालय के राजमार्ग यूनिट के अधिकारियों ने बड़ी आसानी से इस बात का जवाब तैयार कर लिया कि बल्लीवाला व बल्लूपुर फ्लाई ओवरों पर अब कोई काम शेष नहीं है। सिर्फ बल्लीवाला फ्लाई ओवर में नाले का कुछ मीटर हिस्सा स्थानीय लोगों के विवाद के चलते बन नहीं पा रहा। हालांकि, बात जब बल्लीवाला फ्लाई ओवर को फोर लेन से टू लेन बनाने की आई तो अधिकारियों की कलम रुक गई और इसका हल निकालने के लिए सभी प्रमुख अभियंता के पास पहुंचे। काफी मंथन के बाद जवाब तलाश गया कि जमीन अधिग्रहण के चलते सरकार ने फ्लाई ओवर को टू लेन में बनाने का निर्णय लिया।
उल्लेखनीय है कि दून में बल्लीवाला फ्लाई ओवर का शिलान्यास भी अन्य के साथ मार्च 2013 में किया गया था। तब यह भी मामला उठा था कि राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम के मुताबिक राजमार्ग पर निर्माण के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय की अनुमति जरूरी है। इसके चलते लंबे समय तक काम भी अटका रहा। डेढ़ साल बाद जब केंद्र सरकार की एनओसी मिली तो उसमें स्पष्ट किया गया था कि बल्लीवाला फ्लाई ओवर के लिए फोर लेन की संभावना तलाशी जाए। बावजूद इसके राज्य के अधिकारियों ने फ्लाई ओवर का निर्माण टू लेन में किया।