हल्द्वानी जेल में फूटा एचआईवी ‘बम’ , 54 कैदी पाए गए पॉजिटिव

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कुमाऊं की सबसे अधिक कैदियों वाली हल्द्वानी जेल में एचआईवी ‘बम’ फूटने से हड़कंप मचा हुआ है। हल्द्वानी जेल में 54 कैदी एचआईवी पॉजिटिव पाए गए हैं। इनमें एक महिला कैदी भी शामिल है। जेल में एचआईवी संक्रमित कैदियों की संख्या लगातार बढ़ रही है।

एचआईवी संक्रमित सभी कैदियों का सुशीला तिवारी अस्पताल एआरटी सेंटर में इलाज चल रहा है। यह सभी कैदी जांच में एचआईवी पॉजिटिव पाए गए हैं। डॉक्टरों का कहना है कि एचआईवी संक्रमित मिले कैदी अधिकतर ड्रग एडिक्ट हैं।

लगातार बढ़ रही है मरीजों की संख्या-

हल्द्वानी जेल में क्षमता से अधिक कैदी हैं। वर्तमान समय में 1629 पुरुष, जबकि 70 महिला कैदी हैं। ऐसे में इतनी बड़ी संख्या में कैदियों के एचआईवी पॉजिटिव पाए जाने के बाद जेल प्रशासन भी अब कैदियों की रूटीन जांच करा रहा है, जिससे समय रहते एचआईवी संक्रमित कैदियों का इलाज हो सके।

अस्पताल के प्राचार्य डॉ. अरुण जोशी ने बताया कि एचआईवी मरीजों के लिए एआरटी सेंटर बनाया गया है, जहां संक्रमित मरीजों का इलाज किया जाता है। उन्होंने बताया कि जेल में एचआईवी संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ने का कारण कैदियों में अधिकतर ड्रग्स एडिक्शन का कारण पाया गया है, जो भी कैदी एचआईवी पॉजिटिव पाया जाता है, उनको निशुल्क इलाज और दवाइयां दी जाती हैं।

प्राचार्य डॉ. जोशी बोले, घबराने की नहीं है जरूरत-

सुशीला तिवारी अस्पताल के प्राचार्य डॉ. अरुण जोशी ने बताया कि एचआईवी पॉजिटिव से घबराने की जरूरत नहीं है,लेकिन इसमें दूसरे मरीजों को एचआईवी ना फैले इसमें सावधानी और जागरूकता बहुत जरूरी है। हल्द्वानी जेल के अधीक्षक प्रमोद पांडे ने बताया कि जेल में जो भी एचआईवी पॉजिटिव मरीज हैं, उनका रूटीन चेकअप सुशीला तिवारी अस्पताल के एआरटी सेंटर के माध्यम से कराया जाता है। साथ ही इस बीमारी से बचने लिए कैदियों के बीच जन जागरूकता अभियान चलाकर बचाव की जानकारी दी जाती है। जेल में 54 एचआईवी पॉजिटिव मरीज हैं, जिसमें एक महिला मरीज भी शामिल है। कैदियों की एचआईवी जांच के लिए समय-समय पर शिविर लगाया जाता है। फरवरी माह में जांच शिविर में 23 एचआईवी पॉजिटिव, जबकि मार्च माह में 17 एचआईवी पॉजिटिव कैदी सामने आए हैं, बाकी 14 कैदी पहले के शामिल हैं।