उत्तराखंड के पुलिस और सेना के वाहनों से हटेगी लाल बत्ती

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वाहनों पर बत्ती के नियम तय होने के बावजूद अनाधिकृत रूप से लाल, नीली या नारंगी बत्ती लगाकर दौड वाले सेना और पुलिस के वाहनों से बत्ती हटाने की तैयारी परिवहन विभाग ने कर ली है। केंद्र ने बत्ती के लिए जो नियम तय किए हैं उसमें सेना, पुलिस एवं दमकल की गाड़ियों पर बहुरंगी बत्ती (लाल-सफेद-नीली) की स्ट्रीप होनी चाहिए। साथ ही इन गाड़ियों को परिवहन विभाग से अनुमति लेना भी जरूरी है, मगर प्रदेश में अब तक किसी सरकारी विभाग ने परिवहन विभाग से अनुमति नहीं ली।

केंद्र सरकार ने एक मई से पूरे देश में वीआइपी बत्ती कल्चर खत्म कर दिया था। इसकी जद में राजनेता, नौकरशाह से लेकर पुलिस व सैन्य अधिकारी भी आए। इसकी अधिसूचना जारी होने पर राजनेताओं समेत नौकरशाहों ने तो वाहनों से बत्ती उतार ली, लेकिन उत्तराखंड पुलिस अब भी वीआइपी कल्चर में चल रही।

पुलिस के थानेदार से लेकर सर्किल अफसर और एसपी स्तर तक के अफसर अभी भी लाल, नीली या नारंगी बत्ती लगाकर चल रहे। सैन्य वाहनों की भी यही हालात हैं, केंद्र के आदेश में पुलिस व सेना के साथ ही अर्धसैनिक बलों और कानून-व्यवस्था में लगे वाहनों को बहुरंगी स्ट्रीप लगाने की अनुमति है।

शर्त रखी गई हैं कि हर साल ऐसे वाहनों के लिए मंजूरी परिवहन विभाग से लेनी होगी, अनुमति के बाद परिवहन विभाग इन वाहनों की सूची को सार्वजनिक करेगा।

परिवहन विभाग देगा स्टीकर:बहुरंगी स्ट्रीप के वाहनों को परिवहन विभाग से एक स्टीकर जारी होगा। इसमें संबंधित विभाग व अफसर का नाम होगा, जिसके अधीन वह गाड़ी संचालित हो रही है। एक वाहन के लिए एक ही स्टीकर जारी किया जाएगा, जिसे वाहन के अगले शीशे पर चस्पा करना होगा।

सैन्य अधिकारी पहुंचे आरटीओ: वाहनों पर बहुरंगी बत्ती की अनुमति के लिए पुलिस भले आगे न आई हो लेकिन सेना ने पहल की है। सैन्य अधिकारियों ने आरटीओ कार्यालय पहुंचकर एआरटीओ प्रशासन अरविंद कुमार पांडे से मुलाकात की। एआरटीओ ने सेना से सभी वाहनों की सूची मांगी है जिन पर बहुरंगी स्ट्रीप लगनी है। सेना ने एक हफ्ते में सभी गाडिय़ों की सूचि देने की बात कही।

आपदा वाहनों को है छूट:केंद्र ने आपदा के दौरान आपातकालीन स्थिति में सरकारी वाहनों पर बत्ती लगाकर चलने की अनुमति दी है। ऐसे वाहनों को परिवहन विभाग की अनुमति की जरूरत नहीं होगी। इसके साथ ही एंबुलेंस को भी छूट दी गई है।