चार माह से आर्थो सर्जन की राह ताक रहा ट्रामा सेंटर

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जौनसार-बावर परगने सहित पछवादून क्षेत्र में दुर्घटना होने पर आकस्मिक सुविधा मुहैया कराने वाला सीएचसी परिसर का एकमात्र ट्रामा सेंटर की सुविधाएं पिछले चार माह से पूरी तरह से ठप पड़ी हुई है।

सेंटर में तैनात एकमात्र आर्थो सर्जन का तबादला होने के बाद अन्य चिकित्सक की तैनाती नहीं की गयी है। हड्डी रोग विशेषज्ञ नहीं होने से सेंटर की ओपीडी भी ठप हो गई है। अब हड्डी संबंधी रोगों के उपचार के लिए मरीजों को देहरादून की दौड़ लगानी पड़ रही है। जौनसार में आए दिन बड़े सड़क हादसे होते रहते हैं, ऐसे में सीएचसी विकासनगर का ट्रामा सेंटर ही घायलों को उपचार दे पा रहा था।
दुर्घटना की दृष्टि से संवेदनशील परगने जौनसार-बावर सहित पछवादून व हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले को आकस्मिक चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के लिए सीएचसी विकासनगर में ट्रामा सेंटर का निर्माण किया गया था। दो वर्ष पूर्व सेंटर में एक आर्थोपेडिक सर्जन की नियुक्ति करने के बाद सेंटर मरीजों को उपचार की सुविधा देने लगा था।
सेंटर में मौजूद चिकित्सक का चार माह पूर्व तबादला कर दिया गया। जिससे सेंटर से मिलने वाली सुविधाएं ठप हो गई हैं। जबकि चिकित्सक की तैनाती के बाद से ही ओपीडी सुविधा भी मिलने लगी थी। इसके साथ ही सेंटर में कूल्हे के प्रत्यर्पण, स्पाइन कॉड के आप्रेशन सहित कई छोटे बड़े आप्रेशन की सुविधा भी मिलने लगी थी। खासकर वाहन दुर्घटनाओं में घायल लोगों को त्वरित उपचार मिलने से राहत मिलनी शुरु हुई थी। जौनसार-बावर क्षेत्र में हाल में ही हुई वाहन दुर्घटनाओं में ट्रामा सेंटर घायलों के लिए मददगार साबित भी हुआ।
पिछले दो वर्षों में ट्रामा सेंटर में हड्डी रोग से संबधित तीन सौ के करीब छोटे बड़े आप्रेशन सफलता पूर्वक हुए थे। लेकिन जून माह के अंत से चिकित्सक नहीं होने के चलते ट्रामा सेंटर की सुविधाएं ठप पड़ी हुई हैं। जिसके चलते हड्डी संबंधी बीमारियों के उपचार के लिए स्थानीय मरीजों को देहरादून की दौड़ लगानी पड़ रही है। उधर, सीएचसी के प्रभारी चिकित्साधिकारी डा. केके शर्मा ने कहा कि ट्रामा सेंटर में आर्थो सर्जन की नियुक्ति के लिए सीएमओ कार्यालय के माध्यम से शासन को प्रस्ताव भेजा गया है।