उत्तराखंड में कैसे चला मोदी मैजिक

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उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड में मिली ऐतिहासिक जीत को बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ किया है कि सरकार बहुमत से बनती है, लेकिन चलेगी सबके मत से। यह सरकार उनकी भी है जिन्होंने साथ दिया और उनकी भी है जिन्होंने साथ नहीं दिया। मोदी ने 2022 में देश की आजादी की 75 साल पूरे होने पर देश के सवा सौ करोड़ लोगों से एक संकल्प लेने का आह्वान किया जिससे देश विकास के पथ पर आगे बढे़ और एक गौरवशाली भारत का निर्माण हो सके। अपनी इस जीत के साथ मोदी ने 2019 के चुनावों का अजेंडा सेट कर दिया है। हमने जानने की कोशिश करी कि आखिर मोदी की इस अप्रत्याशित जीत के पीछे क्या कारण रहे।

नोटबंदी पर मोदी के साथ खड़ा हुआ मतदाता।

विधानसभा चुनाव से ठीक पहले नोटबंदी को लेकर मोदी जनता का भरपूर साथ मिला। बीजेपी अंदरखाने नोटबंदी को लेकर हलचल और आशंकित भी थी। नोटबंदी की अधिसूचना 8 नवम्बर को हुई थी। तब उत्तराखण्ड विधानसभा चुनाव की अधिसूचना लागू होने में करीब दो माह का वक्त था। बीजेपी के नेता इस बात को लेकर आशंकित थे कि चुनाव से पहले नोटबंदी पार्टी को उल्टी न पड़ जाये। बीजेपी से जुड़े व्यापारी नेता ही बल्कि कुछ वरिष्ठ नेता भी उस समय की इस नोटबंदी को पार्टी के पक्ष में नहीं मान रहे थे।

इस चुनाव में जनता की अदालत ने नोटबंदी को 100 में से 95 अंक दिए है। इसलिए उत्तराखंड में बीजेपी की इस अभूतपूर्व जीत को नोटबंदी पर जनता के समर्थन की मुहर के तौर पर भी लिया जा रहा है। नोटबंदी को आम लोगो ने पैसे वालों पर मोदी की बड़ी चोट के तौर पर भी देखा। चुनाव के दौरान जनसभाओं में भी मोदी ने नोटबंदी को जनहित में बताकर इसके फायदे गिनाए। खासकर महिलाओं में नोटबंदी को लेकर मोदी का खासा समर्थन नजर आया। आम लोगो का यही समर्थन वोटो में बदला और बीजेपी को तीन चौथाई से अधिक सीटे मिली।

वहीं वरिष्ठ पत्रकार अविकल थपलियाल ने कहा कि “एक उत्तराखंड की जनता को कांग्रेस सरकार के खिलाफ नाराज़गी थी, सरकार से जनता खुश नहीं थी, साथ ही हरीश रावत चुनाव प्रचार में बुरी तरह पिछड़ गए और अपनी बात जनता तक चुनाव के समय नहीं पहुंचा पाए जबकि बीजेपी ने धुआंधार प्रचार किया।” 

थपलियाल कहते हैं कि “हिन्दू वोट 6 से 7 प्रतिशत बीजेपी की तरफ शिफ्ट हुआ जबकि बसपा का वोट इस चुनाव में कम हुआ। इसकी वजह यह भी रही की हरीश रावत ने चुनाव से पहले यह बोल दिया था कि जुम्मे के दिन कर्मचारियों को 2 घंटे का अवकाश लेले । यह वजह रही की पहाड़ का वोट बीजेपी की तरफ हो गया था।”

मोदी लहर चलने की एक बड़ी वजह राज्य में फौजी होने के कारण मोदी का फार्मूला ‘वन रैंक वन पेंशन” का ख़ास फायदा देखने को मिला। हरीश रावत वर्सेज मोदी में लोगों ने प्रधानमंत्री का ही हाथ थामा है क्योंकि मोदी जनता को कह गए थे की उत्तराखंड को डबल इंजन की जरूरत है एक इंजन केंद्र का और एक इंजन उत्तराखंड का, इसका सीधा फायदा बीजेपी को 11मार्च को दिख गया है।