दुगर्म क्षेत्रों में स्थापित होंगी आईसीयूः बलूनी

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देहरादून। उत्तराखंड के दुर्गम क्षेत्रों में गंभीर रोगियों, घायलों और प्रसूताओं के लिए उचित उपचार ना होने के कारण उन्हें हायर सेंटर तक पहुंचने में अनेक संकटों का सामना करना पड़ता है। उचित प्राथमिक उपचार न मिलने के कारण अनेक रोगी मार्ग में ही दम तोड़ देते हैं। अनेक दुर्घटनाओं और विषम परिस्थितियों में यह लाचारी दुर्गम के ग्रामीणों के जीवन पर भारी पड़ जाती है।
राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी ने धूमाकोट के पास हुए हादसे पर दुख जताते हुए कहा कि कल पौड़ी में हुए दर्दनाक सड़क हादसे से वे अत्यंत दुखी हैं और मन अतिशय शोक-संतप्त है। कल की दुखद घटना ने बरबस ही इस समस्या के प्रति गंभीर रूप से सोचने को विवश कर दिया है। इस संबंध में प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत जी और स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक से वार्ता कर उत्तराखंड के दुर्गम क्षेत्रों में आईसीयू (गहन उपचार केंद्र) केंद्रों की स्थापना के संबंध में चर्चा की है। इस दुखद घटना के बाद यह निर्णय लिया है कि वे पर्वतीय जिलों में अपनी सांसद निधि से प्रतिवर्ष दो से तीन आईसीयू केंद्रों के निर्माण के लिए राशि उपलब्ध कराएंगे। इस वर्ष की राशि स्वास्थ्य विभाग के साथ आकलन के बाद जारी कर दी जाएगी। दुर्गम क्षेत्रों में आईसीयू केंद्र होने से गंभीर रोगियों को हायर सेंटर जाने से पूर्व उनको तत्काल सघन चिकित्सा मिल जाने से काफी लाभ मिलेगा और दुर्गम पर्वतीय क्षेत्रों में बड़ी राहत मिल सकेगी। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और जन-प्रतिनिधियों से चर्चा करके उन केंद्रों का चयन किया जाएगा जहां इन आईसीयू केंद्रों की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि वे कार्यकाल में उत्तराखंड के सभी महत्वपूर्ण नगर और कस्बों में आईसीयू केंद्र के निर्माण के लिए कटिबद्ध हैं।